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कभी रहता था पर्यटकों से गुलजार आज पड़ा है वीरान, दुकानों पर ताले, Hotel-Restaurant भी बंद
धर्मशाला। ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन में देश-विदेश के पर्यटकों से गुलजार रहने वाली धर्म पर्यटन नगरी मैक्लोडगंज (McLeodganj) व कांगड़ा घाटी के पर्यटक स्थलों में विरानगी छाई हुई है। तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की नगरी कहलाने वाले इस छोटे शहर की अधिकतर दुकानों पर ताले लटके हैं, होटल-रेस्तरां सब बंद हैं। कोरोना वायरस ने धर्म पर्यटक नगरी की भी नींद उड़ाई हुई है। कोरोना वायरस और लॉकडाउन का असर भले ही मौजूदा हालात में आमजन पर पड़ रहा है, लेकिन मैक्लोडगंज के पर्यटन व होटल व्यवसायी (Tourism and hotel businessman) अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। बड़ी संख्या में पर्यटकों के आवागमन के कारण यहां का होटल व रेस्टोरेंट व्यवसाय काफी अच्छा चलता था और इन दिनों यहां की रौनक देखते ही बनती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। कोरोना से हुए लॉकडाउन के चलते यहां के होटल व्यवसाय को ग्रहण लग गया है। होटल व रेस्टोरेंट तीन महीने से बंद हैं। कई लोग होटल व रेस्टोरेंट को लीज पर भी लेते हैं, जो अब इसे छोड़ चुके हैं। अब अगर लॉकडाउन खुलने के बाद इनका संचालन होता भी है, तो स्थितियां पहले की तरह सामान्य नहीं हो पाएंगी।
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मैक्लोडगंज में 2019 में पहुंचे थे एक लाख 15 हज़ार 990 विदेशी पर्यटक
मैक्लोडगंज सहित बीड़-बिलिंग व छोटा भंगाल घाटी इन महीनों में पहाड़ों पर ट्रैकिंग (Tracking) करने वाले पर्वतारोहियों से भरा रहता था, लेकिन हर जगह विरानगी छाई हुई है। मैक्लोडगंज में वर्ष 2019 में 22 लाख 26 हज़ार 897 देशी पर्यटक तो वहीं एक लाख 15 हज़ार 990 विदेशी पर्यटक पहुंचे थे। जिसके मुकाबले जनवरी 2020 तक केवल एक लाख 29 हज़ार 640 देशी पर्यटक तो 8 हज़ार 486 विदेशी पर्यटक ही मैक्लोडगंज पहुंचे। फरवरी माह में 11 हज़ार 80 देशी पर्यटक तो केवल 224 विदेशी पर्यटक ही आए। मार्च माह में 9836 देशी पर्यटक तो 447 विदेशी पर्यटक विभिन होटलों में ठहरे हुए थे। अप्रैल से लेकर जून माह तक किसी भी पर्यटक ने मैक्लोडगंज या कांगड़ा घाटी (Kangra Valley) का रुख नहीं किया। आमतौर पर इन दिनों में देश-विदेश से पर्यटक बड़ी संख्या में हिमाचल में घूमने के लिए पहुंचते थे। इतना ही नहीं, पड़ोसी राज्यों के पर्यटक मंदिरों के दर्शनों के लिए भी निकलते थे, लेकिन इस बार बाहरी राज्यों के पर्यटकों के आने पर कोरोना के चलते पूरी तरह से मनाही है। मात्र हिमाचल के ही लोग एक-दूसरे स्थान पर जा सकते हैं, लेकिन कोरोना के खौफ के कारण अधिकतर लोग अपने क्षेत्रों से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
रोजगार पर भी ब्रेक, विशेष राहत पैकेज की भी उठी मांग
ग्रीष्मकालीन पर्यटन सीजन (Summer Tourism Season) में प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक मैक्लोडगंज विजिट करने आते थे। इतना ही नहीं, सैकड़ों लोगों का रोजगार व स्वरोजगार भी पर्यटकों के आने से ही चलता था, लेकिन अब कोरोना ने स्थितियों को पूरी तरह से बदल दिया है। पर्यटकों पर निर्भर स्वरोजगार और रोजगार के साधनों में फिलहाल पूरी तरह से ब्रेक लग गई है। धर्मशाला होटल एसोसिएशन के मुख्य सलाहकार रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि जनवरी के बाद ही कोरोना के चलते होटल उद्योग बैठ गया है। आने वाले जुलाई माह तक राहत की उम्मीद नहीं है। सिर्फ धर्मशाला मैक्लोडगंज के होटल उद्योग से जुड़े कारोबारियों को करोड़ों रुपये की क्षति पहुंची है। सरकार को इससे जुड़े कामगारों के लिए रोजगार के अवसर व संचालकों के लिए विशेष राहत पैकेज देना चाहिए, जिससे कम से कम व्यापारी अपने परिवार के भरण-पोषण का इंतजाम कर सकें।