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EMI पर आम आदमी को कोई राहत नहीं, Repo Rate में नहीं हुआ कोई बदलाव
Last Updated on February 5, 2021 by
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने आज मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा नीतिगत दरों को लेकर किए गए फैसलों का ऐलान किया। शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी जो कि आज समाप्त हुई। बैठक में इकोनॉमी के मौजूदा स्थिति, लिक्विडिटी की स्थिति और अन्य बिंदुओं को लेकर चर्चा हुई। आम बजट 2021-22 पेश होने के बाद यह एमपीसी की पहली समीक्षा बैठक थी। बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह चार फीसदी पर बरकरार है। एमपीसी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है। यानी ग्राहकों को ईएमआई (EMI) या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है। इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है। बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। यह 4.25 फीसदी पर है।
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गौर हो कि पिछली तीन मौद्रिक समीक्षा बैठकों में एमपीसी ने ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई, 2020 में नीतिगत दरों संशोधन किया था। आरबीआई गवर्नर के नीतिगत दरों के ऐलान करने के समय Sensex में जबरदस्त तेजी देखने को मिला और यह 51,000 अंक के स्तर के ऊपरचला गया। सुबह 10:07 बजे Sensex 387.59 अंक यानी 0.77% की तेजी के साथ 51,001.88 अंक के स्तर पर चल रहा था।
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— ReserveBankOfIndia (@RBI) February 5, 2021
पढ़िए मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिए गए फैसले –
मार्जिनल स्टैंडिंग फसिलिटी (MSF) रेट भी 4.25 फीसदी पर है।
इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक रुख को ‘उदार’ बनाए रखा है।
डिजिटल पेमेंट सिस्टम के आउटसोर्सिंग के लिए आरबीआई दिशानिर्देश जारी करेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष 2021-22 में देश की जीडीपी में 10.5 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया है।
वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में महंगाई दर 5.2 फीसदी तक रह सकती है।
खुदरा निवेशक अब सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश और ट्रेडिंग के लिए सीधे केंद्रीय में अपना खाता खुलवा सकते हैं।
वित्त वर्ष 2021-22 में खुदरा महंगाई दर से जुड़े पूर्व के 5.8 फीसदी के अनुमान को संशोधित कर 5.2 फीसदी से पांच फीसदी किया गया है।
दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में कैपिसिटी यूटिलाइजेशन पहली तिमाही की तुलना में सुधार के साथ 63.3 फीसदी पर रही। पहली तिमाही में यह आंकड़ा 47.3 फीसदी था।
पिछले कुछ महीनों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) निवेश में बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह घरेलू अर्थव्यवस्था में फिर से मजबूत हो रहे विश्वास को दिखाता है।
Media interaction on RBI’s Monetary Policy by Shri Shaktikanta Das, Governor, Reserve Bank of India https://t.co/xSy7QL6NBu
— ReserveBankOfIndia (@RBI) February 5, 2021
शक्तिकांत दास ने कहा कि टार्गेटेड लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशंस (टीएलटीआरओ) के जरिए बैंकों से एनबीएफसी के लिए फंड उपलब्ध होगा।
खुदरा डायरेक्ट प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जाएगा, जिससे खुदरा निवेशकों को G-Sec बाजार में सीधा एक्सेस मिलेगा। प्राइमरी अर्बन सहकारी बैंकों को मजबूत करने के लिए एक्सपर्ट पैनल का
आरबीआई जल्द ही इस प्रक्रिया के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा। आरबीआई प्रमुख ने कहा कि भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा, जहां खुदरा निवेशकों की सरकारी बॉन्ड तक सीधी पहुंच है।
केंद्रीय बैंक ने तीन मौजूदा ओम्बड्समैन स्कीम को आपस में जोड़ने और एक सेंट्रलाइज्ड स्कीम बनाने का फैसला किया है। इसे जून 2021 में शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) को दो चरणों में रिस्टोर किया जाएगा। पहले चरण में 27 मार्च से 3.5 फीसदी का सीआरआर प्रभावी होगा। वहीं दूसरे चरण में 22 मई 2021 से चार फीसदी का सीआरआर लागू होगा।