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#JammuKashmir : इस बार सर्दियों में कम मिलेगी बिजली, उत्पादन 80 प्रतिशत गिरा
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में एक तरफ जहां कड़ाके की ठंड पड़ी रही है, वहीं दूसरी तरफ यहां के लोगों को इस बार बिजली (Electricity) भी कम मिलने वाली है। इस बार बारिश कम होने की वजह से प्रदेश के दरियों में अभी से जल स्तर कम हो गया है जिसकी वजह से पनबिजली परियोजनाओं में उत्पादन 80 प्रतिशत कम हो गया है। ऐसे में प्रदेश में बिजली सप्लाई व्यवस्था (Power supply system) को सुचारू रखने के लिए सरकार पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन से बिजली खरीद रही है।
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बता दें कि जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के दरिया हिमाश्रित हैं। इन दरियाओं में सर्दियों में पानी का स्तर कम हो जाता है जबकि गर्मियों में बर्फ पिघलने पर जलस्तर बढ़ जाता है। यही वजह है कि प्रदेश की पनबिजली परियोजनाओं में सर्दियों में क्षमता के मुताबकि बिजली उत्पादन आधे से भी कम हो जाता है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस बार नवंबर में ही घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फ पड़ गई थी। वहीं, बारिश भी क्षमता से काफी कम हुई जिसकी वजह से दरियाओं का जलस्तर काफी कम हो गया।
कमर्शियल विंग के चीफ इंजीनियर मोहम्म्द युसूफ बाबा ने बताया कि इस बार बारिश ना होने की वजह से नवंबर से ही प्रदेश की पनबिजली परियोजनाओं में बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ है। वर्तमान में जम्मू-कश्मीर पनबिजली परियोजनाओं में उत्पादन लगभग 250 मेगावाट हो रहा है, जो कुल मांग का सिर्फ 10 प्रतिशत है। तापमान लगातार हो रही गिरावट के बाद प्रदेश में बिजली की मांग 2500 मेगावॉट पहुंच गई है। इसमें 1100 मेगावाट जम्मू जबकि 1400 मेगावाट कश्मीर संभाग में है। प्रदेश की परियोजनाओं में उत्पादन गिरने की वजह से बिजली की मांग को पूरा करने के लिए सरकार 85 से 90 प्रतिशत बिजली पावर ट्रेडिंग कारपोरेशन से खरीद रही है। उन्होंने कहा कि परेशानी है परंतु लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए पिछले साल की तुलना में बिजली ने आपूर्ति में 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। बिजली खरीद बजट प्रभावित होने पर विभाग कटौती का सहारा ले सकता है।