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एक दुर्लभ बीमारी है मंकीपॉक्स, ये हैं लक्षण, ऐसे करें बचाव
भारत में मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) ने दस्तक दे दी है। अभी तक देश में कुल चार मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से एक मामला दिल्ली का है और तीन मामले केरल के हैं। आज हम आपको मंकीपॉक्स के लक्षणों और उससे बचाव करने के बारे में बताएंगे।
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बता दें कि दिल्ली में मंकीपॉक्स से संक्रमित मरीज को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती करवाया है। डॉक्टरों का कहना है कि मरीज को बुखार नहीं है, लेकिन उसकी स्किन को नुकसान पहुंचा है। डॉक्टर ने कहा कि मंकीपॉक्स का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, मरीज को स्किन पर लगाने के लिए हम लोशन और मल्टी विटामिन दे रहे हैं।
वहीं, डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार, मंकीपॉक्स (Monkeypox) एक दुर्लभ बीमारी है, जो कि मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से होती है। डब्लयूएचओ ने बताया कि मंकीपॉक्स वायरल पॉक्सवीरीडेएई परिवार में ऑर्थोपॉक्सवायरस जींस, जो कि चेचक का कारण बनता है से संबंधित है। ऑर्थोपॉक्सवायरस जींस में वेरियोला वायरस, वैक्सीनिया वायरल और काऊ पॉक्स वायरस भी शामिल है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
सीडीसी यानी सेंटर फॉर डिजीज एंड कंट्रोल प्रिवेशन के अनुसार, इंसानों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों के जैसे होते हैं। इसके लक्षण चेचक के समान हल्के होते हैं। संक्रमण के 7 से 14 दिनों बाद बुखार, थकावट, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द के साथ शुरू होते हैं।
ऐसे करें बचाव
जानकारी के अनुसार, जिस व्यक्ति पर मंकीपॉक्स जैसे रैशेज दिख रहे हों उससे नजदीकी या स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट ना बनाएं। मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के कपड़ों और पर्सनल चीजों को ना छुएं। इसके अलावा अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर (Sanitizer) का इस्तेमाल करें। सबसे अहम बात अपने पालतू जानवरों से दूरी बनाकर रखें।
ना करें ऐसी गलती
मंकीपॉक्स के मरीज से अपनी पर्सनल चीजें शेयर ना करें। मंकीपॉक्स संक्रमित मरीजों से एक मीटर की दूरी बनाकर रखें। आवारा कुत्तों और अन्य जानवरों के पास ना जाएं।