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Kullu की तीर्थन और जीभी घाटी में 15 अगस्त तक पर्यटन गतिविधियों पर रोक
कुल्लू। जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते और सभी कारोबारी पर्यटन को सुचारू रूप से चलाने के लिए तैयार नहीं हो जाते, तब तक तीर्थन और जीभी घाटी में को पर्यटन के लिए खोलने में जल्दबाजी ना की जाए। तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पर्यटन कारोबारियों ने सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों (Tourism Activities) पर फिलहाल 15 अगस्त तक रोक लगा दी है। यह फैसला पर्यटन विकास एसोसिएशन, जीभी वैली पर्यटन विकास एसोसिएशन व पंचायत प्रतिनिधियों की बैठक में चर्चा के बाद सर्वसम्मति से लिया है। बैठक की अध्यक्षता तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन के अध्यक्ष वरुण भारती और जीभी वैली पर्यटन विकास एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित कुमार ने संयुक्त रूप से की। बैठक में तीर्थन और जीभी घाटी के पर्यटन कारोबारियों के अलावा स्थानीय ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया है। बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने घाटी में पर्यटन व्यवसाय को फिर से सुचारू रूप से चालू करने के लिए चर्चा की है।
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प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को फिर से चालू करने के लिए गाइडलाइन (Guideline) जारी की गई है, जिसके मुताबिक पर्यटन अभी तक केवल राज्य के अंदर से आने वाले पर्यटकों के लिए चालू किया गया है, जबकि बाहरी राज्यों के पर्यटकों के लिए रोक है। कोरोना महामारी के संक्रमण को मद्देनज़र रखते हुए पर्यटन को कैसे पुनः प्रचलन में लाया जाए, इस मुद्दे पर दोनों एसोसिएशन और स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों में चर्चा हुई।
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क्या कहना है पंचायत प्रतिनिधियों का
स्थानीय ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने भी कहा कि कोरोना काल में पर्यटन गतिविधियों को शुरू करना एक बहुत बड़ा चुनौती पूर्ण कार्य होगा। खासकर ग्रामीण इलाकों से सटी हुई पर्यटन इकाइयों को बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होगी। क्योंकि ग्रामीण जनता में अभी तक कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचाव के प्रति जागरुकता की भारी कमी देखने को मिल रही है। सरकार को चाहिए कि पर्यटन गतिविधियों को अगर शुरू करना है तो इस कारोबार से जुड़े हुए सभी लोगों, स्टाफ और पंचायत प्रतिनिधियों को स्वास्थ्य कर्मियों की तर्ज पर प्रशिक्षित करना होगा। जरा सी भी चूक घातक सिद्ध हो सकती है। हालात सामान्य होने पर जब भी पर्यटन चालू होता है तो फिलहाल पर्यटकों को होटल, गेस्ट हाउस या होम स्टे मे रूम सर्विस तक ही सीमित रखा जाना चाहिए। पर्यटकों को इधर-उधर साइट सीन, ट्रैकिंग (Tracking) आदि गतिविधियों पर अभी रोक जारी रहनी चाहिए। इन्होंने कहा है कि सरकार को शीघ्र ही समय रहते घाटी के लोगों के लिए जागरुकता अभियान के साथ साथ शिक्षण प्रशिक्षण शुरू कर देना चाहिए। पर्यटन कारोबारियों और पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण के पश्चात हर गांव और बार्ड में आम लोगों के लिए जागरुकता शिविर आयोजित किए जाने की आवश्यकता है। घाटी में पर्यटन को सुचारू रूप से चलाने में आम जनता को जागरूक करके के साथ विश्वास में लेना होगा।