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पति की मौत के 46 साल बाद मिलेगी सैनिक की विधवा को पेंशन
मंडी। मंडी जिले की बल्ह घाटी के गांव मांडल भंगरोटू की धनी देवी को अपनी सैनिक पति राम रखा की मौत के 46 साल बाद पेंशन (Pension) मिलेगी। धनी देवी ने साल 2019 में आर्म्ड फोर्सिस ट्रिब्यूनल चंडीगढ़ (Armed Forces Tribunal Chandigarh) की बेंच में अपील की थी। इस पर अब जाकर फैसला आया है।
सैन्य अथॉरिटी ने ट्रिब्यूनल के आदेश को नहीं माना
याचिका के अनुसार राम रखा ने पायनियर कॉर्प्स में 26 जुलाई 1962 को नौकरी ज्वाईन की थी। 13 जून 1970 को उसे शारीरिक तौर पर अनफिट घोषित कर उसे घर भेज दिया गया। 28 मई 1977 को राम रखा की मौत हो गई। पति की पेंशन की हकदार पत्नी धनी देवी लगातार सेना के अधिकारियों से पेंशन के लिए गुहार लगाती रहीं।दो बार उनकी अपील भी नामंजूर हो गई। 2019 में धनी देवी ने अपने वकील, जो स्वयं एक सैनिक रह चुके हैं, के माध्यम से आर्म्ड फोर्सिस ट्रिब्यूनल चंडीगढ़ बैंच के समक्ष अपील दायर की। ट्रिब्यूनल ने 12 अप्रैल 2022 को फैसला सुनाते हुए धनी देवी को तीन महीने के अंदर 8 प्रतिशत ब्याज के साथ पेंशन जारी करने के आदेश सुनाए। इसके बावजूद आर्मी अथारिटी ने जब कोई एक्शन नहीं लिया तो 9 दिसंबर 2022 को धनी देवी ने फिर ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया।
न्याय मिलने से खुश हैं धनी देवी
ट्रिब्यूनल ने अपने आदेशों की अवहेलना पर संबंधित अधिकारियों को 15 मई 2023 को नोटिस जारी किया। इस पर सेना के अधिकारियों की नींद टूटी और धनी देवी को वर्ष 2016 से पेंशन की राशि कैलक्यूलेट करके जारी करने की बात कही। धनी देवी को अब वर्ष 2016 से पति की पेंशन व एरियर कभी भी खाते में आ जाएगा। ऐसे में उसे अपनी पति की मौत के 46 व नौकरी छोड़ने 53 साल बाद पेंशन मिलेगी। धनी देवी खुद अब वृद्धावस्था में पहुंच गई है, मगर न्याय मिलने से खुश है।
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