-
Advertisement
सुबह-सुबह चाय के साथ बिस्किट खाते हैं, इनमें छेद क्यों होते है, यहां जानें
आप सुबह-सुबह चाय के साथ बिस्किट (Biscuits) जरूरी खाते होंगे या फिर कोई मेहमान के आने पर या फिर आपके बच्चों के साथ। आपने गौर किया होगा कि बहुत सारे बिस्किट ऐसे होते हैं, जिनमें छेद होता है। अधिकतर बिस्किट खाने वाले लोग ये डिजाइन (Design) देखते तो हैं, लेकिन इसके पीछे का कारण नहीं जानते हैं, ऐसे में आइए बताते हैं इसके पीछे का लॉजिक….
स्टीम को पास करने के लिए बनाते हैं छेद
बिस्किट बनाने की प्रक्रिया के दौरान सबसे पहले आटा, चीनी (Suger) और नमक को शीट्स में रोल किया जाता है। इसके बाद इन शीट्स को एक मशीन में रखा जाता है, जो आटे में छेद कर देती है। इन छोटी-छोटी छेदों को डॉकर्स कहा जाता है। बिस्किट बनाते समय इन छेदों के बिना बिस्किट्स की बेकिंग में दिक्कतें आती हैं। बेकिंग के दौरान इन छेदों में हवा होती है, जो बिस्किट पर बबल बनने से रोकती है।
यह भी पढ़ें- रोज सुबह जीरे का करें सेवन, बीमारियों से मिलेगी राहत, होंगे ये फायदे
बिस्किट पर छेद इसलिए जरूरी
बेकिंग प्रोसेस के दौरान जब ओवन में गर्म होने के बाद आटे में हवा के बुलबुले बनकर फैलने लगते हैं, तब ये छेद बिस्किट के स्टीम यानी भाप को उड़ने में मदद करते हैं, ताकि बिस्किट के उठे होने और उस पर बबल बनने से बचाया जा सके।
तापमान स्थिर रखने के लिए बनाते हैं छेद
आपको बता दें कि बिस्किट पर छेद ऐसे ही नहीं किया जाता, बल्कि इसका भी खास पैमाना होता है। इस प्रक्रिया में छेद की पोजीशन (Position) सही जगह पर होने के साथ-साथ समान दूरी पर भी होना बहुत जरूरी है। इससे बिस्कुट ज्यादा सख्त या मुलायम नहीं होंगे। बिस्किट में छेद भी सही संख्या में होनी चाहिए, तभी यह क्रंची औऱ क्रिस्पी बनता है। आम तौर पर बिस्कुट में से हिट को निलकने के लिए इन छेदों को बनाया जाता है। वैज्ञानिक रूप से यदि छेद नहीं बनाए गए, तो बिस्कुट का तापमान स्थिर नहीं होगा और इससे दरार बन सकती है और बिस्कुट टूट भी सकते हैं।
भारत में बिस्किट का कारोबार
भारत (India) में बिस्किट इंड्रस्ट्री का कारोबार बहुत बड़ा है और यह बहुत तेजी से विकास कर रही है। आपको बता दें कि भारत में बिस्किट इंडस्ट्री लगभग 12.5 फीसद के रेट से ग्रो कर रही है। इसके साथ ही मौजूदा समय में इसका लगभग 37000 करोड़ का कारोबार है।