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मकर संक्रांति पर क्यों खाते हैं गुड़, तिल और खिचड़ी, जानें महत्व
Last Updated on January 6, 2024 by Soumitra Roy
Makar Sankranti 2024: नए साल के शुरू होते ही पहला हिंदू पर्व मकर संक्रांति (Makar Sankranti) माना जाता है। इस साल 15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति देशभर में मनाई जाएगी। हालांकि हर राज्य में मकर संक्रांति को अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। ये पर्व फसल और सूर्य-शनि से जुड़ा है। मकर संक्रांति के दिन तिल संबंधी कुछ काम करके सोए हुए भाग्य को भी जगा सकते हैं। इसे तिल संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। मकर संक्रांति को उत्तरायण भी कहते हैं, क्योंकि इसके बाद से सूर्य उत्तर दिशा में गमन करते हैं। कई जगहों पर मकर संक्रांति को खिचड़ी (Khichdi) के पर्व के नाम से भी जाना जाता है तो वहीं कुछ लोग इसे पोंगल पर्व के तौर पर मनाते हैं। इस दिन तिल के अलावा गुड़, खिचड़ी खाने का भी महत्व है। मान्यता है कि इन तीनों चीजों के बिना मकर संक्रांति का त्योहार अधूरा है। आइए जानते हैं मकर संक्रांति पर तिल, गुड़, खिचड़ी क्यों खाते हैं और इसका क्या महत्व है।
खिचड़ी का महत्व (Importance of Khichdi)
- मान्यता है कि इस दिन खिचड़ी खाने से ग्रहों की मजबूती मिलती है। कई जगहों पर भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है और इसे प्रसाद स्वारूप बांटा जाता है। शास्त्रों में बताया है कि खिचड़ी में मिलाए जाने वाले पदार्थ नवग्रहों से जुड़े होते हैं।
- खिचड़ी में चावल महत्वपूर्ण है जो चंद्रमा और शुक्र ग्रह की शुभता पाने के लिए लाभदायक है। घी के बिना खिचड़ी अधूरी मानी जाती है। घी से सूर्य का संबंध है। इससे सूर्य की कृपा प्राप्त होती है। हल्दी बृहस्पति का प्रतिनिधित्व करती है और खिचड़ी में डाली जाने वाली काली दाल के सेवन से शनि, राहु-केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
- कई लोग मकर संक्रांति पर मूंग दाल, हरि सब्जियों और चावल के मिश्रण से खिचड़ी बनाते हैं। मूंग दाल और हरि सब्जियां बुध ग्रह से संबंधित है। खिचड़ी के साथ खाए जाने वाला गुड़ मंगल और सूर्य का प्रतीक माना जाता है।
गुड़-तिल का महत्व (Importance of jaggery and sesame)
मकर संक्रांति पर विशेषकर काली तिल और गुड़ या उससे बनी चीजों का दान शनि देव और सूर्य देव का आर्शीवाद दिलाता है। काली तिल का संबंध शनि से है और गुड़ सूर्य का प्रतीक है। मकर संक्रांति पर सूर्य देव अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं, इसलिए इस दिन गुड़ का सेवन और दान करने से मान सम्मान बढ़ता है, सूर्य की कृपा से करियर में लाभ मिलता हैं।
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Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। HimachalAbhiAbhi.Com इसकी पुष्टि नहीं करता। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें।