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ऊना। हिमाचल के ऊना में धर्म संसद का आयोजन करने वाले यति सत्देवानन्द सरस्वती ने बीजेपी नेता शांता कुमार (Shanta Kumar) के बयान पर बिना उनका नाम लिए पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं (BJP Leaders) को यह नहीं भूलना चाहिए कि संत समाज की कुर्बानियों के चलते ही आज बीजेपी केंद्र और प्रदेश में सत्ता पर काबिज हुई है। उन्होंने कहा कि संत समाज हिंदू धर्म (Hindu Religion) को जागृत करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है और इन प्रयासों को कभी बंद नहीं किया जाएगा। यति सत्देवानन्द सरस्वती ने ऊना में ऐलान किया कि अब हिमाचल प्रदेश में धर्म संसद का आयोजन तिमाही में किया जाएगा।
बता दें कि ऊना में हुई धर्म संसद के दौरान हिंदुओं से चार.चार बच्चे पैदा करने का आवाहन करने के बाद संत समाज की इस अपील को बीजेपी नेता शांता कुमार द्वारा अनुचित करार दिए जाने के बाद संत समाज उग्र हो उठा है। जिला के मुबारकपुर में 24 घंटे पहले संपन्न हुई धर्म संसद के आयोजक यति सत्देवानन्द सरस्वती (Yeti Satdevanand Saraswati) ने शांता कुमार का नाम लिए बिना उन पर जमकर निशाने साधे। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता संत समाज को कानून सिखाने का काम ना करें। देश के संतो और धर्मग्यों को यह भली-भांति पता है कि उन्हें क्या करना है।
आज सत्ता में बैठकर बीजेपी के नेता संत समाज को नियम कानून का पाठ पढ़ाने का दुस्साहस ना करें। उन्होंने कहा कि संत समाज ने खून से पत्र लिखकर भी देश के प्रधानमंत्रियों से लेकर तमाम उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों से जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग उठाई थी, लेकिन इसके बावजूद सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। आज जब हिंदू समाज खतरे में है और संत समाज हिंदुओं से 4 बच्चे पैदा कर अपने समाज को बचाने का आह्वान करते हैं तो बीजेपी नेताओं को नियम और कानून दिखाई देने लगते हैं। वहीं, यति सत्देवानन्द सरस्वती ने ऐलान किया है कि अब हिमाचल प्रदेश में धर्म संसद (Dharm Sansad) का आयोजन तिमाही में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार संसद और विधानसभाओं के सत्रों का आयोजन होता है उसी प्रकार से अब धर्म संसद के सत्र भी आयोजित किए जाएंगे।
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