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ऊना में आगजनीः जिंदा जले चार बच्चे, मृतकों में तीन सगे भाई- बहन
ऊना। जिला के उपमंडल अम्ब के तहत बणे दी हट्टी में प्रवासी मजदूरों की दो झुगियों में हुई आगजनी की भीषण घटना में चार बच्चे जिंदा जलकर मौत के मुंह में चले गए। मृतक बच्चों में तीन तो सगे भाई-बहन ही बताए जा रहे हैं। आगजनी का शिकार हुए बच्चों की उम्र 6 से लेकर 17 वर्ष है। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना भेज दिया और केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। परिजनों के मुताबिक देर रात करीब 11 बजे अचानक ही झुग्गियों में आग भड़क उठी जिससे यह हादसा पेश आया है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ज़िला ऊना मे अंब के “बणे दी हट्टी” के पास आगजनी में बिहार के प्रवासी मजदूरों के 6 से 17 साल के चार बच्चों की जिंदा जलने की घटना पर शोक जताया है। उन्होंने ज़िला प्रशासन को पीड़ित परिवारों की हर संभव सहायता करने के आदेश दे दिए गए हैं।
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जानकारी के अनुसार बणे दी हट्टी में बुधवार रात्रि करीब 11 बजे अचानक बिहार के रहने वाले प्रवासी श्रमिकों की दो झुगियों में भयंकर आग भड़क गईं। जितनी देर में लोग कुछ समझ पाते और आग बुझाने का प्रयास करते, आग ने झुगियों में सो रहे 4 बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया। जिसमें सभी की मौके पर ही मौत हो गईं। मृतकों की पहचान बिहार के दरभंगा जिला के रहने वाले रमेश दास के 6 वर्षीय बेटे शिवम कुमार 7 वर्षीय बेटे गोलू कुमार, 14 वर्षीय बेटी नीतू कुमारी और कालिदास के 17 वर्षीय बेटे सोनू कुमार के रूप में हुई है। घटना की जानकारी दमकल विभाग को दी गईं पर तब तक सब कुछ जलकर राख हो चुका था। पुलिस घटना की जांच में जुट गई है, फिलहाल आग लगने के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल ऊना भेज दिया है। मृतक बच्चों के पिता रमेश दास ने बताया कि वह अपनी पत्नी सहित अन्य झुग्गी में सो रहा था और बच्चे साथ में ही एक अन्य झुग्गी में सो रहे थे कि अचानक दो झुग्गियों में आग भड़क गईं। जिसमें उसके तीनों बच्चे व एक उसके रिश्तेदार का बेटा आग की भेंट चढ़ गए। हालांकि आग कैसे लगी इसका पता नहीं चल पाया है।