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एक ही दिन में कोरोना से 4209 मौतें, ब्लैक के बाद व्हाइट फंगस दिख रहा बड़ा खतरा
Last Updated on May 21, 2021 by
कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर ने देश के हालात खराब कर रखे हैं,एक दिन हल्की राहत के बाद अगले ही दिन दिक्कतें बढी दिखने लगती हैं। बीते 24 घंटों के दौरान 4209 मौतों ने फिर से डराने का काम किया है। ये अलग बात है कि इस अवधि में नए मामलों में कमी आई है। ये घटकर 2 लाख 59 हजार 591 दर्ज किए गए हैं। जबकि इससे पहले गुरुवार को 2.76 लाख लोग संक्रमित हुए थे। महामारी के बीच ब्लैक फंगस के बाद अब व्हाइट फंगस (White Fungus) ने मुश्किलें बढ़ी दी है। व्हाइट फंगस को चिकित्सकीय भाषा में कैंडिडा कहते हैं। ये फेफड़ों के साथ रक्त में घुसने की क्षमता रखता है। रक्त में पहुंचने पर इसे कैंडिडेमिया (Candidemia) कहते हैं। व्हाइट फंगस इसलिए अधिक खतरनाक है क्योंकि शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है। फेफड़ों तक पहुंचे तो लंग बॉल कहते हैं। कोरोना से सबसे ज्यादा नुकसान फेफड़ों को हो रहा है। व्हाइट फंगस भी फेफड़ों पर हमला करता है। अगर कोरोना मरीजों में इसकी पुष्टि हुई तो जान को खतरा बढ़ सकता है।
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इसी बीच, भारत में जारी टीके (Vaccines) की कमी को दूर करने के लिए भारत बायोटेक ने कमर कस ली है। कंपनी के संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला के अनुसार वह गुजरात में अपनी रेबीज वैक्सीन सुविधा में कोवैक्सिन की अतिरिक्त खुराक का निर्माण करेगी। अगले चार महीने में इसमें तेजी आने की उम्मीद है। इससे कोविड वैक्सीन क्षमता एक महीने में 1.7 करोड़ खुराक बढ़ जाएगी। हैदराबाद की कंपनी ने अपनी चिरोन बेहरिंग वैक्सीन सुविधा का उपयोग करने का निर्णय लिया है जिसे उसने 2019 में रेबीज के टीके बनाने के लिए ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GlaxoSmithKline) से हासिल किया था। इससे कोविड.19 वैक्सीन के निर्माण में तेजी लाने में मदद मिलेगी। भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के साथ संयुक्त रूप से कोवैक्सिन विकसित किया है।