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PM मोदी की बात मानकर एक साथ बंद की लाइट तो फेल हो सकती है Power Grid! जानें
Last Updated on April 4, 2020 by Deepak
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते खतरे को देखते हुए लगाए गए 21 दिनों लंबे देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) के बीच पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की है कि पांच अप्रैल को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घर की लाइट बंद (Lights Off) कर मुख्य दरवाजे या बालकनी में मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या फिर मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाएं। अब पीएम द्वारा यह ऐलान किए जाने के बाद से देश के बिजली विभाग के हाथ-पैर फूल गए हैं। वहीं महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत (Nitin Raut) ने भी इस मसले पर अपनी चिंता जाहीर करते हुए एक साथ लाइट बंद करने से पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया है।
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इसके अलावा कांग्रेस महासचिव (Congress General Secretary) और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने पावर ग्रिड्स (Power Grids) और इंजीनियरों (Engineers) की चिंताओं को लेकर शनिवार को ट्वीट किया है। प्रियंका ने इस दौरान उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार को पावर ग्रिड्स और इंजीनियरों की चिंताओं का ध्यान है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया है, ‘जब देश कोरोना के खिलाफ युद्ध में एकजुटता का इजहार कर रहा है, आशा है कि केंद्र सरकार द्वारा पॉवर ग्रिडस एवं इंजीनियरों की चिंताओं का भी ध्यान रखा जा रहा है। ताकि संकटकाल में और जरूरत के समय बिजली आपूर्ति में कोई बाधा न हो।’
वहीं नितिन राउत ने पीएम मोदी से अपील की है कि एक साथ घर की लाइट बुझाने को लेकर वह फिर से विचार करें। इससे ग्रिड फेल हो सकता है और आपातकालीन सेवाओं पर असर पड़ सकता है। लोग दीया जलाएं लेकिन घर की लाइट बंद न करें। राउत ने कहा कि अगर एक ही बार में सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी तो ग्रिड फेल हो सकता है। सभी आपातकालीन सेवाएं ठप हो जाएंगी और बिजली को दोबारा बहाल करने में सप्ताह तक का समय लग सकता है। इसलिए मैं लोगों से अपील करूंगा कि वे बिना लाइट ऑफ किए ही मोमबत्ती और दीया जलाएं। उन्होंने समझाते हुए कहा कि एक ही समय में एक साथ लाइट बंद करने से बिजली की मांग और आपूर्ति में भारी अंतर हो सकता है। सभी आपातकालीन सेवाएं ठप हो जाएंगी और बिजली को दोबारा बहाल करने में सप्ताह तक का समय लग सकता है। इसलिए मैं लोगों से अपील करूंगा कि वे बिना लाइट ऑफ किए ही मोमबत्ती और दीया जलाएं।
उन्होंने समझाते हुए कहा कि एक ही समय में एक साथ लाइट बंद करने से बिजली की मांग और आपूर्ति में भारी अंतर हो सकता है। लॉकडाउन के कारण मांग पहले ही 23,000 मेगावाट से घटकर 13,000 मेगावाट हो गई है क्योंकि कारखाने और कंपनियां बंद हैं। अगर सभी लाइटें एक ही समय में बंद कर दी जाती है, तो इससे ब्लैकआउट हो सकता है, जिससे आपातकालीन सेवाएं प्रभावित होंगी। इन इमरजेंसी सेवाओं को बहाल करने में 12-16 घंटे भी लग सकते हैं। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में बिजली अहम उपकरण है। वहीं पीएम के इस ऐलान के बाद से पॉवर ग्रिड के प्रबन्धक ग्रिड की स्थिरता सुनिश्चित करने की तैयारी में जुट गए हैं। ग्रिड के एकीकृत संचालन के लिए जिम्मेदार पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन (पीओएसओसीओ) यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि ग्रिड के संभावित ठप होने के कारण ग्रिड पर कोई दबाव नहीं आए और देश भर में बिजली ठप ना हो।