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In Depth: सरदार जी की 11 पगड़ियां एक हजार से ज्यादा के मुंह पर चढ़ी
Last Updated on June 5, 2020 by saroj patrwal
मंडी। कोरोना महामारी के दौर में बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर अपनी अहम भूमिका निभाई। इन्हीं में से एक हैं मंडी जिला (Mandi Distt) के सुंदरनगर उपमंडल के कनैड़ (Kanaid) गांव निवासी सरदार अमरजीत सिंह (Sardar Amarjeet Singh)। इन्होंने जरूरतमंदों को मास्क मुहैया करवाने के लिए अपनी 11 पगड़ियों की कुर्बानी दे दी। आप भी जानिए इन सरदार जी की इस दरियादिली के बारे में। सिख धर्म में पगड़ी का विशेष महत्व है। बिना पगड़ी के सरदारों की शान नहीं मानी जाती। 5 से 8 मीटर लंबी पगड़ी जब सिर पर बांधी जाती है तो इसे पहनने वाले की पहचान ही कुछ और हो जाती है। इसे सिर का ताज भी कहा जाता है। शायद ही कोई ऐसा होगा अपने सिर के ताज की कुर्बानी देने को तैयार हो। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे सरदार जी से मिलवाने जा रहे हैं जिन्होंने कोरोना काल में एक या दो नहीं बल्कि अपनी 11 नई पगड़ियों की कुर्बानी दे दी और वो भी इसलिए ताकि जरूरतमंदों को मास्क मुहैया हो सके।
पेशा, सिर्फ और सिर्फ समाज की सेवा करना
इनसे मिलिए, यह हैं सरदार अमरजीत सिंह। मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल के तहत आने वाले कनैड गांव में इनका घर है। पेशा, सिर्फ और सिर्फ समाज की सेवा करना। अमरजीत सिंह मंडी जिला रेडक्रास सोसायटी के सर्व वॉलंटियर (Serve volunteer) हैं और जब भी प्रशासन को इनकी जरूरत होती है यह उसी वक्त हाजिर होकर अपनी सेवाएं देने लग जाते हैं। जब कोरोना वायरस का कोहराम मचा और देश को लॉकडाउन (Lockdown) किया गया तो उस वक्त मास्क और सेनेटाइजर की बहुत ज्यादा कमी खली। दुकानें बंद थी, कपड़ा उपलब्ध ना होने के कारण मास्क बनाना भी मुश्किल था। ऐसे में अमरजीत सिंह ने अपनी 11 नई पगड़ियों (Turban)को कटवाकर उनके एक हजार से अधिक मास्क (One thousand masks) बनाकर जरूरतमंदों को बांटे। अमरजीत सिंह बताते हैं कि उन्होंने यह मास्क गरीबों, अपंगों और प्रवासी लोगों को बांटे जो मास्क (Mask)नहीं खरीद सकते थे। अमरजीत का मास्क बनवाकर लोगों को बांटने का कार्य आज भी जारी है। अब अमरजीत दुकानों से कपड़ा खरीदकर मास्क बनवाकर लोगों में बांट रहे हैं। अमरजीत का कहना है कि जब तक कोरोना का खात्मा नहीं हो जाता तब तक इनका यह अभियान इसी तरह से जारी रहेगा।
कुसुम ने अहम भूमिका निभाई
अमरजीत सिंह के मास्क अभियान को पूरा किया एक और वॉलंटियर कुसुम ने। कुसुम भी इसी गांव की रहने वाली है। अमरजीत सिंह की 11 पगड़ियों को काटकर रातों-रात उनके मास्क बनाकर लोगों को मुहैया करवाने में कुसुम (Kusum) ने अपनी अहम भूमिका निभाई। कुसुम बताती हैं कि इस दौर में उन्हें समाज के लिए कुछ करने का मौका मिलाए यह उनके लिए गर्व की बात है। और आगे भी यह अभियान इसी तरह से जारी रखने की बात भी वह कह रही हैं। अमरजीत सिंह के इस कार्य की क्षेत्र में हर ओर चर्चा है। अमरजीत सिंह समय-समय पर समाज के प्रति अपना योगदान देते रहते हैं। हमीरपुर से मंडी लाते वक्त जब कोरोना (Corona) के कारण व्यक्ति की मृत्यु हुई थी तो उनके अंतिम संस्कार में भी अमरजीत सिंह ने अन्य साथियों के साथ अहम भूमिका निभाई थी।