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वीरभद्र सिंह बोले -मैं सीएम होता तो एक घंटे में सुलझ जाता विधानसभा का मसला
शिमला। यदि मैं सीएम ( CM) होता तो एक घंटे में सुलझ जाता विधानसभा का मसला। जयराम सरकार ( Jairam Govt)चाहे तो 5 मिनट में मसले को हल कर सकते है लेकिन सरकार की इच्छाशक्ति ही नहीं है। यह बात पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ( Former CM Virbhadra Singh) ने विधानसभा ( Vidhansabha) में चल रहे गतिरोध को लेकर मीडिया से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल के बजट इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है कि विपक्ष के बिना बजट पेश हुआ है। 6 मार्च को सीएम जय राम ठाकुर बजट पेश करेंगे। इतना लंबा विरोध नहीं करना चाहिए लेकिन सत्ता पक्ष यदि मामले को सुलझाना नहीं चाहता है तो विपक्ष को मज़बूर होकर विरोध करना पड़ेगा। आज विधानसभा के बजट सत्र के पांचवे दिन पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह पहुंचे तो सही लेकिन सदन में न जा कर बाहर निलंबित कांग्रेस के विधायकों ( Congress MLAs) के साथ धरने पर बैठ गए।
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आज कांग्रेस विधायक दल के विधानसभा के बाहर धरने में पूर्व मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह जी भी शामिल हुए और उन्होंने विधायकों के निलंबन को ग़लत क़रार दिया।। @virbhadrasingh @ShuklaRajiv @KSRathoreINC @AgnihotriLOPHP pic.twitter.com/oUZl6LbUB8
— Himachal Congress (@INCHimachal) March 4, 2021
सीएम जब 11 बजे सदन के बाहर पहुंचे तो नेता प्रतिपक्ष उन्हें धरना स्थल तक ले गए। वीरभद्र सिंह के लिए वहां पर पर कुर्सी लगाई गई। सत्र के पांचवे दिन पांच निलंबित सदस्यों सहित समूचा विपक्ष सदन में नहीं गया और सदन के बाहर मौन बैठा रहा। अभी तक सदन से गैरहाजिर रहने वाले पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह भी कांग्रेस पार्टी के धरने में पहुंचे। करीब एक घंटे तक विपक्ष के साथ मौन बैठने के बाद गेट के बाहर से ही वीरभद्र सिंह वापिस अपने निवास स्थान हॉलीलॉज लौट गए। इससे पहले गत दिवस मुकेश अग्निहोत्री व आशा कुमारी वीरभद्र सिंह से मिलने हॉलीलाज गए थे। उधर पूर्व सीएम शांता कुमार ने भी सदन में चल रहे गतिरोध के बारे में पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह से बात की है। सीएम जयराम ने भी कुछ देर पहले कहा था कि अगर वीरभद्र सिंह सदन में आते हैं तो वे उनसे बात करेंगे। उन का कहना था कि सभी चाहते हैं कि सदन में सत्ता पक्ष व विपक्ष मौजूद हों और सदन की कार्यवाही सुचारू चले। जाहिर है इससे पहले बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर भी बुधवार निलंबित नेता प्रतिपक्ष सहित पांच विधायकों के समर्थन में विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे थे। उन्होंने निलंबन को सरकार की एकतरफा कार्रवाई बताते हुए इसकी आलोचना की थी। उन्होंने सरकार से निलंबन को तुरंत रद करने की मांग की अन्यथा कांग्रेस इसके विरोध में सड़क पर उतरेगी।
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