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भारत ने अग्नि प्राइम मिसाइल का किया सफल परीक्षण, परमाणु हथियार ले जाने में है सक्षम
ओडिशा के बालासोर तट पर अग्नि प्राइम मिसाइल (Agni-Prime Missile) का सफल परीक्षण किया। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) (DRDO) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। यह अग्नि सीरीज की मिसाइलों का एडवांस्ड वर्जन (Advance Version) है, जो कि परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। इस बैलिस्टिक मिसाइल की सतह से सतह पर मार करने वाली मारक क्षमता 1000 से 2000 किलोमीटर की है।
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बता दें कि शनिवार को भारत ने ओडिशा के बालासोर तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि पी का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। यह परिक्षण पूर्वी तट पर स्थित टेलीमेट्री और रडार स्टेशनों की मदद से किया गया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को अग्नि पी मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए बधाई देते हुए कहा कि भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है, जिसने विकास की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है।
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अग्नि सीरीज हर मिसाइल की अपनी अलग-अलग रेंज है। अग्नि-1 मिसाइल (Agni-1 missile) में एसएलवी-3 बूस्टर का प्रयोग किया गया है, जिसकी मारक क्षमता 700 किलोमीटर है। इस मिसाइल का पहसा परीक्षण 28 मार्च, 2010 में किया गया था। इस मिसाइल में लिक्विड फ्यूल भरा जाता है। यह मिसाइल अपने साथ परमाणु सामग्री ले जाने में सक्षम है। अग्नि-2 मिसाइल (Agni-2 missile) की रेंज 3000 किलोमीटर है और यह अपने साथ 1000 किलो तक सामग्री ले जाने में सक्षम है। अग्नि-3 मिसाइल (Agni-3 missile) की मारक क्षमता 3000 किलोमीटर तक है, लेकिन इसे 4000 किलोमीटर तक भी बढ़ाया जा सकता है। यह मिसाइल अपने साथ 600 से 1800 किलो तक परमाणु सामग्री ले जाने में सक्षम है। अग्नि-4 मिसाइल (Agni-4 missile) परमाणु क्षमता वाली मिसाइल है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 4000 किलोमीटर तक है। इस मिसाइल की जद में पूरा पाकिस्तान और आधे से ज्यादा चीन आ सकता है। अग्नि-5 मिसाइल (Agni-5 missile) का पहला परिक्षण अप्रैल 2012 को किया गया था। इस मिसाइल की रेंज 5500 किलोमीटर है, लेकिन इसे 7000 किलोमीटर तक भी बढ़ाया जा सकता है। इस मिसाइल के साथ ही भारतीय सेनाएं पूरे चीन को निशाना बनाने में सक्षम हुई थी।