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हफ्ते में सिर्फ दो दिन पढ़ाई करती थी ये ऑफिसर, UPSC परीक्षा में पाया 11वां रैंक
Last Updated on January 24, 2022 by saroj patrwal
देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विस एग्जाम को सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है। कुछ युवाओं को इसे पास करने के लिए कई सालों तक मेहनत करनी पड़ती है। ऐसी ही कहानी हरियाणा की रहने वाली देवयानी (Devyani) की है, जो साल 2021 में ऑल इंडिया में 11वां रैंक हासिल करके आईएएस (IAS) बनने में सफल रहीं।
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बता दें कि इससे पहले देवयानी ने अपने चौथे प्रयास में 222वीं रैंक हासिल किया था। देवयानी हरियाणा (Haryana) के महेंद्रगढ़ की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा चंडीगढ़ के एसएच सीनियर सैकेंडरी स्कूल से पूरी की। इसके बाद देवयानी ने साल 2014 में बिट्स पिलानी के गोवा कैंपस से इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।
पिता को मानती हैं प्रेरणा
देवयानी ने शुरू से ही अपने पिता को एक सिविल सेवक के रूप में काम करते देखा था। देवयानी बचपन से ही अपने पिता जैसा बनना चाहती थी। देवयानी अपने पिता को ही प्रेरणा मानती हैं। देवयानी के पिता विनय सिंह हिसार में संभागीय आयुक्त (Divisional Commissioner) हैं।
लगातार तीन बार हुईं असफल
देवयानी के लिए आईएएस बनने का सफर आसान नहीं था। देवयानी को लगातार तीन बार फेल के बाद उन्हें सफलता मिली है। देवयानी ने साल 2015, 2016 और 2017 में यूपीएससी परीक्षा दी थी, लेकिन वह पास नहीं हो पाईं। बता दें कि पहले और दूसरे प्रयास में देवयानी प्री एग्जाम भी नहीं पास कर पाई थीं। हालांकि, साल 2017 में वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंची, लेकिन फाइनल लिस्ट में उनका नाम नहीं आया। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और 2019 के एग्जाम में सफलता हासिल कर वह 222वां रैंक पाने में सफल रहीं।
ऐसे बनीं आईएएस
222वीं रैंक हासिल करने के बाद देवयानी का चयन सेंट्रल ऑडिट विभाग के लिए हुआ और इसके लिए उन्होंने ट्रेनिंग शुरू की। हालांकि, इसके साथ-साथ वह यूपीएससी की तैयारी भी करती रहीं और कड़ी मेहनत करके देवयानी ने ऑल इंडिया में 11वां रैंक हासिल किया। साल 2019 में देवयानी का चयन राजस्थान सिविल सेवा में भी हुआ था।
सिर्फ दो दिन करती थीं पढ़ाई
देवयानी ने बिना किसी टेंशन के गंभीरता से पढ़ाई करती थी। सेंट्रल ऑडिट विभाग में चयन के बाद उन्हें पढ़ाई के लिए ज्यादा समय नहीं मिलता था, इसलिए वह वीकेंड यानी शनिवार और रविवार को ही पढ़ाई करती थीं।
ऐसी मिली सफलता
देवयानी बताती हैं कि उन्होंने परीक्षा में ऑप्शनल सब्जेक्ट में ज्यादा नंबर लाने का लक्ष्य रखा था और इसमें वह सफल भी हुईं। उन्होंने बताया कि उन्होंने इंटरव्यू की तैयारी के लिए मॉक इंटरव्यू का सहारा लिया। इसके अलावा वह रोजाना अखबार पढ़ती थीं और लिखने पर ध्यान देती थीं।