-
Advertisement
अब नहीं लगाने पड़ेंगे RTO के चक्कर, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के बदले नियम
Last Updated on May 10, 2022 by sintu kumar
ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वालों के लिए एक बड़ी खबर है। केंद्र सरकार की तरफ से ड्राइविंग लाइसेंस (Driving License) बनवाने के नियमों में बदलाव किया गया है। इन नियमों के लागू होने के बाद किसी भी व्यक्ति को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) (Regional Transport Office) (RTO) के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
यह भी पढ़ें- इस बिजनेस से कर सकते हैं लाखों की कमाई, ऐसे करें शुरुआत
बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से बनाए गए ड्राइविंग लाइसेंस के ये नए नियम पहले के मुकाबले काफी आसान है। ये नए नियम 1 जुलाई, 2022 से लागू होंगे। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के संशोधित नियम के अनुसार, अब किसी को भी आरटीओ में जाकर ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना होगा। इसके लिए आप किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल (Driving Training School) में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। फिर यहीं से ट्रेनिंग लेकर आपको टेस्ट पास करना होगा। जिसके बाद स्कूल टेस्ट पास करने का एक सर्टिफिकेट जारी करेगा, जिसके आधार पर आपका ड्राइविंग लाइसेंस बनाया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मंत्रालय की तरफ से शिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किया गया है, जिसे थ्योरी और प्रैक्टिकल दो हिस्सों में बांटा गया है। इसमें लाइट मोटर व्हीकल (LMV) के लिए कोर्स की अवधि चार हफ्ते की है, जो कि 29 घंटे चलेगी। जबकि, प्रैक्टिकल के लिए आपको सड़कों, हाईवे, शहर की सड़क, गांव के रास्ते, रिवर्सिंग और पार्किंग आदि प्रैक्टिकल के लिए 21 घंटे का समय देना होगा। इसके अलावा आपको आठ घंटे थ्योरी पढ़ाई जाएगी।
जानिए नई गाइडलाइंस
ट्रेनिंग सेंटर के लिए सड़क और परिवहन मंत्रालय की तरफ से कुछ गाइडलाइन तय की गई हैं। इन गाइडलाइन के अनुसार, दोपहिया, तिपहिया और हल्के मोटर वाहनों के ट्रेनिंग सेंटर के पास कम से कम एक एकड़ जमीन होनी चाहिए। जबकि, भारी यात्री व माल वाहन या ट्रेलरों के ट्रेनिंग सेंटर के पास दो एकड़ जमीन होना जरूरी है। वहीं, ट्रेनिंग सेंटर में बायोमेट्रिक सिस्टम होना जरूरी है। इसके अलावा ट्रेनिंग सेंटर का ट्रेनर कम से कम 12वीं पास होना चाहिए और उसके पास 5 साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए।