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इस मंदिर में जाने से डरते हैं लोग, आखिर क्या है मां के मंदिर का रहस्य
मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए और अपनी मनोकामना को पूरा करने के लिए नवरात्र से बेहतर अवसर कोई नहीं हो सकता। नवरात्र को दौरान लोग उपवास रखते हैं और बड़ी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करते हैं। मां के मंदिनों में इन दिनों काफी भीड़ रहती है और लोग दर्शनों के लिए मां दुर्गा के मंदिरों में जाते हैं। हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में इन दिनों भक्तों का तांता लगा रहता है। कहते हैं मां के मंदिरों में जाने से सभी काम पूरे हो जाते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश एक मंदिर की कहानी कुछ और ही है। मध्यप्रदेश के देवास में बने देवी मां के इस मंदिर जाने से डरते हैं। नवरात्र के दौरान लोग इस मंदिर के अंदर नहीं जाते बल्कि बाहर से ही माथा टेककर लौट जाते हैं।
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कहते हैं कि यह मंदिर शापित है और सूर्यास्त होने के बाद यहां कोई भी नहीं जाता। लोगों की मान्यता अनुसार, सूर्यास्त के बाद जो भी इंसान यहां आया है, उसके साथ अजीबो-गरीब घटनाएं घटी हैं। सिर्फ यही नहीं, इस मंदिर से डरावनी आवाजें भी आती है। लोगों का कहना है कि कभी मंदिर में शेरों के दहाड़ने की आवाज आती है और कभी घंटों का नाद सुनाई देता है
स्थानीय लोगों के अनुसार, देवास के महाराजा ने ही मां दुर्गा के इस मंदिर को बनवाया था। हालांकि इसे बनवाने के बाद से ही राजघराने में अशुभ घटनाएं होने लगीं।
मंदिर के आसपास रहने वाले लोगों का ये भी कहना है कि यहां की राजकुमारी के सेनापति से प्रेम संबंध थे। राजा को यह बात पसंद नहीं आई और उन्होंने इस रिश्ते का विरोध किया। राजा ने बेटी को जेल में डाल दिया। कहा जाता है कि जेल में ही राजकुमारी की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई। वहीं, राजकुमारी की मौत की खबर के बाद सेनापति ने भी मंदिर में आत्महत्या कर ली। जिसके बाद राजपुरोहितों ने बताया कि ये मंदिर अपवित्र हो चुका है। कहा जाता है कि राजपुरोहितों की सलाह पर राजा ने पूरे सम्मान के साथ मां की मूर्ति को उज्जैन के बड़े गणेश मंदिर में स्थापित कर दी।