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शिमला के गेयटी थिएटर में कैदियों की बनाई वस्तुओं ने खींचा सबका ध्यान
शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की जेलों में बंद कई कैदी जेल विभाग की योजना हर हाथ को काम के तहत जेल में ही काम कर रहे हैं। ये कैदी जेल ही में ऊन, लकड़ी और बेकरी के उत्पाद (Wool, wood and bakery products) तैयार कर रहे हैं। इतना ही नहीं ये कैदी (Prisoner) स्वरोजगार के जरिए कमाया हुआ पैसा अपने परिजनों को भी भेज रहे हैं।
इन कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पादों के बेचने के लिए जेल विभाग ने कई काउंटर लगवाए हैं। वहीं समय-समय पर इन उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाती है। इसी कड़ी के तहत शिमला के गेयटी थिएटर (Gaiety Theater in Shimla) में आज कैदियों द्वारा बनाए गए विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। यह प्रदर्शन चार दिन के लिए लगाई गई है। इस प्रदर्शनी का शुभारंभ डीजीपी हिमाचल प्रदेश संजय कुंडू (Sanjay Kundu) ने किया।
उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी में ना केवल कैदियों की ओर से बनाए उत्पादों को प्रदर्शन किया जा रहा है, बल्कि उन्हें बेचा भी जा रहा है। इस कारण कैदियों की जीवन शैली में बदलाव आया है। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी जेल विभाग हिमाचल प्रदेश की पहल की सराहना कर चुके हैं। वहीं एक सजायाफ्ता कैदी ने बताया कि जेल के अंदर उनको काम मिल रहा है, इससे हम परिवार का गुजारा भी कर रहे हैं। जब जेल से छूटकर समाज में जाएंगे तो आगे की जिंदगी भी इसी काम के तहत काटेंगे। हिमाचल प्रदेश की 14 जैलों में 2500 के करीब कैदी इस तरह के रोजगार से जुड़े हैं, जो सजा काटने के साथ साथ परिवार का भरण पोषण भी कर रहे हैं।