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जुनून हो तो ऐसाः कड़ी मेहनत से किराने की दुकान चलाने वाले सगे भाई बने जज, पढ़ें दिलचस्प कहानी
बिलासपुर। कहते हैं अगर इंसान सच्चे मन से मेहनत करे तो दुनिया की कोई भी ताकत उसे उसकी मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। कुछ ऐसा ही हुआ है बिलासपुर के दो भाईयों के साथ। कड़े परिश्रम से वह दुकानदार से जज बन गए। नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के दोनों भाई एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। बता दें कि उनके पिता स्वारघाट बिलासपुर नेशनल हाइवे की कल्लर पंचायत में एक छोटी सी किराने की दुकान चलाते हैं। दोनों भाई अलग-अलग राज्यों में बतौर जज चयनित हो गए हैं।
माता पिता के संघर्ष का ही परिणाम
बच्चों की सफलता के बाद परिवार की खुशी का ठिकाना ही नहीं है। गर्व महसूस कर रहे पिता लाल चंद ने बताया कि दोनों बेटों ने लॉ की पढ़ाई में जाने की मन बनाया और पढ़ाई के दौरान ही एक्स्ट्रा स्टडी कर परीक्षाओं की तैयारी में जुट गए थे। पिता ने बताया कि 12वीं की पढ़ाई के बाद उनका नंबर मैरिट में आ गया था, जिससे उनकी फीस का उन्हें अधिक बोझ नहीं उठाना पड़ा। उन्होने बताया कि वह अपनी पढ़ाई से पहले ही दुकानदारी करना शुरू कर चुके थे।बड़े बेटे विशाल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया है। उन्होंने कहा कि यह उनके माता पिता के संघर्ष का ही परिणाम है कि आज वह दोनों जज बन गए हैं। विशाल का कहना है कि यदि ठान ली जाए और यदि अपनी पूरी मेहनत की जाए तो कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है।
बता दें कि विशाल ने एलएलएम प्रवेश परीक्षा एआईएलईटी 2021 में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली में भी देश भर में दूसरा स्थान हासिल किया था। विशाल ठाकुर का चयन उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा 2022 में सिविल जज एवं ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पद पर हुआ है। छोटे भाई विकास ठाकुर का चयन छह महीने पहले ही जज के रूप में हो चुका है। विकास ठाकुर मध्य प्रदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।