-
Advertisement
शिमला के टाउन हॉल बिल्डिंग मामले में हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित
संजू/ शिमला। हिमाचल हाईकोर्ट ने शिमला की हैरिटेज टाउन हॉल बिल्डिंग (Heritage Town Hall Building Shimla) को हाई एंड कैफे में बदलकर उसका व्यवसायीकरण (Commercialization) करने से जुड़े मामले में बुधवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसके खिलाफ वकील अभिमन्यु राठौर ने जनहित याचिका लगाई है, जिसमें नगर निगम शिमला पर स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 और टीसीपी अधिनियम के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि नगर निगम शिमला ने प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958, टीसीपी अधिनियम का उल्लंघन करते हुए इस विरासत संपत्ति को हाई-एंड कैफे (High End Cafe) में बदलने की अनुमति दी है। आरोप है कि शिमला नगर निगम ने हेरिटेज टाउन हॉल के ग्राउंड फ्लोर पर हाई-एंड रेस्तरां चलाने के लिए लीज पर देने के लिए वर्ष 2020 में टेंडर प्रक्रिया (Tender Process) जारी की थी। नगर निगम शिमला को जब उपयुक्त बोलीदाता नहीं मिल पाए तो निविदा नोटिस जारी करने की जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (HPIDB) को सौंपने का फैसला किया गया था। इसके बाद एचपीआईडीबी ने 26 फरवरी, 2022 को एक निविदा नोटिस जारी किया था।
यह भी पढ़े:हिमाचल हाईकोर्ट ने 6 CPS से छीनी मंत्री पद की सुविधाएं, अंतरिम आदेश जारी
बिल्डिंग मानदंडों का हो रहा है उल्लंघन
याचिका में आरोप लगाया गया है कि निजी संचालक/ठेकेदार हेरिटेज बिल्डिंग में हाई एंड कैफे बनाकर हेरिटेज बिल्डिंग मानदंडों (Building Norms) का उल्लंघन कर रहा है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से सरकार को विरासत भवन को कानून के अनुसार उसके मूल स्वरूप और आकार में बहाल करने और सबसे उपयुक्त तरीके से इसका उपयोग करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। प्रार्थी ने कोर्ट से राज्य सरकार को दोषी अधिकारियों के खिलाफ उचित विभागीय कार्यवाही शुरू करने का निर्देश देने का आग्रह भी किया है।