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लगातार दवाओं के सैंपल फेल होने पर उद्योग होंगे ब्लैक लिस्ट; लाइसेंस करेंगे रद्द
संजू/शिमला। हिमाचल प्रदेश में लगातार दवाओं के सैंपल फेल (Medicine Sample Fail) होने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने बुधवार को कहा कि दवाओं के सैंपल फेल होने से प्रदेश की छवि पर बुरा असर पड़ता है। इस तरह के मामलों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए उद्योगों पर एक्शन लिया जाएगा और उद्योगों को ब्लैक लिस्ट (Black List) किया जाएगा। डॉक्टर धनीराम शांडिल ने कहा कि बीते दिनों हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के बद्दी फार्मा क्षेत्र की कुछ कंपनियों के दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं। इन सभी कंपनियों को नोटिस भेज दिए गए हैं, उन्होंने कहा कि इस पर विभाग कार्रवाई करेगा।
प्रदेश के फार्मा उद्योग पर बुरा प्रभाव
हिमाचल प्रदेश दवाइयों का निर्यात भी करता है लेकिन इस तरह के प्रकरणों से प्रदेश और प्रदेश के फार्मा उद्योग पर बुरा प्रभाव पड़ता है। पहले भी विभाग की ओर से सैंपल फेल होने पर लाइसेंस रद्द (License Canceled) करने के कदम उठाए गए हैं। आने वाले समय में भी दवाइयों की जांच होगी जिसमें कोई भी कमी पाई जाती है या सभी मानकों को पूरा नहीं करती है तो उसे भी तुरंत प्रभाव से खारिज कर दिया जाएगा। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों 27 दवा उद्योग में बने 38 दवाइयों के सैंपल फेल हो गए। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के मानकों पर इन दवाइयों के सैंपल फेल हुए। प्रदेश के अंदर फार्मा उद्योगों के दवाइयों के सैंपल फेल होने का यह मामला पहला मामला नहीं है।
NPA को बंद नहीं किया
वहीं, NPA को लेकर प्रदेश के सरकारी चिकित्सालय में डॉक्टरों के चल रहे विरोध पर स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि चिकित्सकों को दिए जाने वाले NPA को बंद नहीं किया गया है, इस पर महज कुछ समय की रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए और भारी आपदा के चलते NPA रोका गया। प्रदेश में चिकित्सकों को NPA दिया जाना है।