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कांग्रेस के खाते फ्रीज, चुनावी खर्चों के लिए पैसे नहीं- खड़गे, सोनिया, राहुल ने बीजेपी को घेरा
Lok Sabha Election 2024: नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) के शीर्ष नेताओं ने पार्टी के बैंक खातों (Bank Accounts) को फ्रीज करने के लिए केंद्र सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया है। गुरुवार को नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, (Mallikarjun Kharge) कांग्रेस की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कई केंद्र पर कई आरोप लगाए। सोनिया गांधी ने सरकार के कदम को लोकतंत्र पर हमला करार दिया है।
LIVE: Press briefing by CPP Chairperson Smt. Sonia Gandhi ji, Congress President Shri @kharge and Shri @RahulGandhi at AICC HQ. https://t.co/ZfYNcfWjbf
— Congress (@INCIndia) March 21, 2024
राहुल गांधी ने बैंक खातों को फ्रीज करने के फैसले को कांग्रेस और लोकतंत्र के खिलाफ ‘आपराधिक कार्रवाई’ करार दिया है। इसके लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बताया कि एक महीने पहले कांग्रेस के सारे बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए। 14 लाख 40 हजार रुपये के लिए हमारे ऊपर 210 करोड़ की पेनाल्टी लगा दी है। हमारे बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया है। चुनाव प्रचार, पम्पलेट इत्यादि सभी चुनावी खर्चों के लिए पैसे नहीं हैं। यह लोकतंत्र का उल्लंघन है। आयकर विभाग की तरफ से हमें 210 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा गया है।
एक ओर साज़िशन मुख्य विपक्षी दल के Account Freeze कर रहे हैं, और दूसरी ओर मौजूदा सत्ताधारी दल ने Electoral Bonds से चुनावी चंदा लेकर अपने Account भर लिए हैं।
यह सत्ताधारी दल द्वारा Level Playing Field को खत्म करने के लिए एक ख़तरनाक खेल खेला गया है।#BJPFreezesIndianDemocracy pic.twitter.com/id0Mb68HsX
— Mallikarjun Kharge (@kharge) March 21, 2024
वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि चुनावी बॉन्ड (Electoral Bond) के बारे में जो जानकारी या तथ्य सामने आए हैं, वो चिंताजनक और शर्मनाक है। बीजेपी को 56 फीसदी चंदा मिला, जबकि कांग्रेस को केवल 11 फीसदी ही चंदा मिला है। हिंदुस्तान की 70 साल की लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसा कभी नहीं हुआ है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जांच कर रही है, तो मुझे उम्मीद है कि सच्चाई जल्द ही सामने आएगी। वहीं कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने इस बाबत कहा कि 1994-1995 साल के लिए हमें असेसमेंट नोटिस भेजा गया है। यह किस चीज का लोकतंत्र है। हमें 30-40 साल पुरानी चीज के लिए नोटिस भेजा जा रहा है।