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पिता की मौत के बाद गांव का सरकारी स्कूल संवार दिया पंकज त्रिपाठी ने
मुंबई। मशहूर बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी (Famous Actor Pankaj Tripathi) अपने पिता की अंत्येष्टि (Last Rites of His Father) करने के बाद रविवार सुबह यहां लौट आए। लेकिन अपने पैतृक गांव बेलसंड में 14 दिन के प्रवास के दौरान पंकज ने गांव में न केवल अपने बचपन के स्कूल (Childhood School) को संवारा, बल्कि बच्चों को अपने पिता की सारी किताबें भी दान में दे दीं। पंकज बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं।
पंकज त्रिपाठी और बड़े भाई बिजेंद्र तिवारी, भतीजे मदेश तिवारी ने मिलकर स्कूल में एक लाइब्रेरी की स्थापना की है। इस लाइब्रेरी में रोचक कहानी की किताबें, प्रेरणादायक किताबें और अन्य सिलेबस से जुड़ी किताबों का संग्रह (Book Library) किया गया है।
स्कूल को दी लाइब्रेरी की सौगात
मुम्बई लौटने से पूर्व पंकज त्रिपाठी अपने गांव के मिडिल स्कूल में पहुंचे। यहां बच्चों पढ़ाई के टिप्स दिए। स्कूल में और बेहतर व्यवस्था करने को लेकर बच्चों से और स्कूल प्रबंधन से बारी-बारी से बात की। इसी के साथ सरकारी स्कूल में बच्चों को लाइब्रेरी की सौगात दी।
पकंज त्रिपाठी ने स्कूल पर क्या बोला
पंकज त्रिपाठी ने कहा कि बचपन से वे इसी स्कूल में पढ़े। फिर पढ़ाई पूरा करने पटना गए। वहां से फिर वे मुंबई (Mumbai) में चले गए। उन्हें जब भी समय मिलता है। वे अपने गांव में आते हैं। उनका सामाजिक दायित्व भी है कि वे अपने गांव के स्कूल को डेवलप करें। बच्चों को एक बेहतर शिक्षा का माहौल उपलब्ध कराएं, इसलिए वे यहां हर बेहतर व्यवस्था करना चाहते हैं। जिससे इस गांव के बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़े।
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