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बागबानों ने की अडानी के कोल्ड स्टोर्स की घेराबंदी, सैंज-रामपुर और रोहड़ू में जमकर हो रहा प्रदर्शन
रोहड़ू। हिमाचल में एक तरफ जहां सेब सीजन अपने चरम पर है, वहीं दूसरी तरफ सेब बागबान (Apple Growers) सड़कों पर उतर पर अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह बागवान अब आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड में हैं। प्रदेश सचिवालय का घेराव और माल रोड पर गिरफ्तारियां देने के बाद अब बागवान गुरुवार को अडानी (Adani) के प्रदेश में चल रहे तीनों कोल्ड स्टोर्स (Cold Store) के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में सैंकड़ों बागवान पहुंचे हुए हैं। सेब बागवान ठियोग के सैंज, रोहड़ू के मेंहदली और रामपुर के बिथल में बने कोल्ड स्टोर के बाहर सरकार और अडानी ने खिलाफ जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं।
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वहीं बागवानों के प्रदर्शन (Protest) को देखते हुए अडानी के तीनों कोल्ड स्टोर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। बता दें कि बागवानों का आरोप है कि अडानी समूह (Adani Group) ने सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए खुद ही सेब के रेट तय कर दिए हैं। जानकारी देते हुए संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान ने बताया कि जो कमेटी बनाई गई है, उसकी बैठक से पहले ही अडानी ने सेब के रेट (Apple Price) ओपन किए हैं। वर्ष 2017 में अडानी ने प्रीमियम सेब का रेट 85 रुपए ओपन किया था, जबकि 2022 में जब उत्पादन लागत लगभग 50 फीसदी बढ़ी है। ऐसे वक्त में अडानी ने प्रीमियम सेब का अधिकतम रेट 76 रुपए दिया है, यानी 2017 की तुलना में 9 रुपए प्रति किलो कम है। यही वजह है कि बागवानों को अब सड़कों पर उतरना पड़ रहा है।
वहीं इस बारे में संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने बताया अपने हक के लिए बागवान सड़कों पर उतरे हुए हैं। वह शांति पूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन सरकार उन्हें उग्र होने के लिए मजबूर कर रही है। हरीश चौहान ने बताया कि सीएम के साथ हुई बैठक में ज्यादातर मांगें मानने के बावजूद बागवानों की अनदेखी की जा रही है। जिसके चलते पेड़ों पर पक्का हुआ सेब तोड़ने की बजाय बागवान 5000 करोड़ के सेब उद्योग को बचाने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं।
ये है बागवानों की मांगे
कार्टन व ट्रे पर GST पूरी तरह खत्म करने, कार्टन व ट्रे पर GST लौटने को लगाई जटिल शर्तें हटाने, APMC को पूरी तरह लागू करने, APMC के शोघी बैरियर पर अवैध वसूली रोकने, कश्मीर की तर्ज पर MIS के तहत सेब की खरीद तीन ग्रेड में करने, MIS के तहत बागवानों की बकाया पेमेंट का भुगतान करने, सेब बेचने वाले दिन ही बागवानों को पेमेंट दिलाने, बेमौसम बर्फबारी और ओलावृष्टि से नुकसान का मुआवजा दिलाने, सेब पर आयात शुल्क सभी देशों के लिए 100 फीसदी करने, APMC की मंडियों की दुर्दशा सुधारने, मंडियों में लोडिंग-अनलोडिंग, स्टेशनरी व डाला के नाम पर लूट खत्म करने की मांग उठाई है।