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सीएनजी और एलपीजी पर दौड़ेंगी BS-VI मॉडल की गाड़ियां, मंत्रालय ने दी मंजूरी
अगर आप पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) के दामों से परेशान हो चुके हैं और आप अपने वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट लगवाना चाहते हैं तो आप इसे अब आसानी से लगा सकते हैं। केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, सीएनजी किट से रेट्रोफिट किए गए वाहनों के लिए टाइप अप्रूवल इस तरह के अप्रूवल जारी होने की तारीख से 3 वर्ष के लिए वैलिड होगा और हर 3 साल में एक बार रिन्यू किया जाएगा।
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पेट्रोल कार में अनऑथराइज्ड डीलर से सीएनजी किट न लगवाएं.
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय (Union ministry of road transport) ने एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें भारत स्टेज (BS-VI) वाहनों के मामले में सीएनजी (CNG) और एलपीजी (LPG) किट की रेट्रो फिटमेंट और 3.5 टन से कम भार वाले डीजल इंजनों को सीएनजी/एलपीजी इंजन से बदलने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया है । अभी तक, BS-IV उत्सर्जन मानदंडों के तहत मोटर वाहनों में सीएनजी और एलपीजी किट के रेट्रो फिटमेंट की अनुमति है। यह अधिसूचना रेट्रो फिटमेंट के लिए स्वीकृति संबंधी जरूरतों के प्रकार को निर्धारित करती है। सीएनजी पर्यावरण के अनुकूल एक ईंधन है और यह पेट्रोल और डीजल वाले इंजनों की तुलना में कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, कण पदार्थ और धुएं के उत्सर्जन स्तर को कम करेगा।
हितधारकों से भीतर टिप्पणियां और सुझाव मांगे
यह मसौदा अलग-अलग हितधारकों के परामर्श से तैयार किया गया है। इस संदर्भ में, सभी संबंधित हितधारकों से 30 दिनों की अवधि के भीतर टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। यह बात केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कहने के कुछ दिनों बाद आई है। उन्होंने कहा था कि हरित ईंधन (Green Fuel) और बिजली से चलने वाले वाहन (Electric-Run Vehicles) डीजल और पेट्रोल पर चलने वाले मौजूदा वाहनों की जगह लेंगे। उन्होंने हाल ही में यह भी कहा था कि अगर हम जैव ईंधन (Biofuel) के साथ डीजल को प्रतिस्थापित नहीं करते हैं, तो देश का कच्चे तेल (Cude Oil) का आयात बिल अगले पांच वर्षों में 25 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा।
3 साल के लिए वैलिड होगा अप्रूवल
मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, सीएनजी किट से रेट्रोफिट (Retrofit) किए गए वाहनों के लिए टाइप अप्रूवल इस तरह के अप्रूवल जारी होने की तारीख से 3 वर्ष के लिए वैलिड होगा और हर 3 साल में एक बार रिन्यू किया जाएगा । सीएनजी प्रचालन के लिए रेट्रोफिट वाहनों के लिए अप्रूवल विशेष रूप से निर्मित वाहनों के लिए दिया जाएगा। इस तरह की किट को किसी भी वाहन में सीसी इंजन क्षमता की निर्दिष्ट सीमा के भीतर 1500cc तक के वाहने के लिए ±7% और 1500 सीसी के ऊपर ±5% की क्षमता सीमा के भीतर रेट्रोफिटमेंट के लिए उपयुक्त माना जाएगा। इंजन (Engin) की शक्ति को समय-समय पर संशोधित एआईएस 137 में निर्धारित प्रक्रियाओं के अनुसार इंजन डायनेमोमीटर पर मापा जाएगा। सीएनजी से मापी गई शक्ति -15% ≤ गैसोलीन पर मापी गई शक्ति के संबंध में सीएनजी पर शक्ति ≤+5% की सीमा के भीतर होगी।
अनऑथराइज्ड डीलर से न लगवाएं किट
कार में लगाने वाली सभी सीएनजी किटे जेनुअन नहीं होती हैं। ऐसे में अपनी कार में किसी भी सीएनजी किट को फिट करवाने से पहले उसकी सत्यता को पहचान लें, साथ ही आपको स्थानीय वेंडर से बचना चाहिए और किसी रजिस्टर्ड वेंडर से ही किट लगवानी चाहिए। हालांकि, खराब क्वालिटी की किट और अनुचित फिटिंग रिसाव का कारण बन सकती है, जिसके परिणामस्वरूप आग लगती है। ऑफ मार्केट यानी शोरूम (Showroom) के बाहर से सीएनजी किट लगवाने पर कार के इंजन पर मिलने वाली वारंटी समाप्त हो जाती है। इससे यूजर्स को नुकसान भी हो सकता है। ऐसे में किट लगवाने से पहले इस बात का ध्यान रखें।
यात्री एवं स्कूल बसों में आग की चेतावनी वाला सिस्टम जरूरी
एक अन्य फैसले में, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने लंबी दूरी वाली यात्री बसों और स्कूल बसों (School Buses) में फायर अलार्म और सप्रेशन सिस्टम लगाना जरूरी कर दिया है। मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान के मुताबिक, लंबी दूरी तय करने के लिए बनाई गई एवं संचालित की जा रहीं यात्री बसों और स्कूल बसों के उस हिस्से में आग लगने से बचाव का सिस्टम लगाना होगा, जहां पर लोग बैठते हैं। इसके लिए 27 जनवरी को अधिसूचना जारी कर दी गई है। अभी तक वाहनों के इंजन वाले हिस्से से निकलने वाली आग (Fire) की पहचान करने, अलार्म बजने और सप्रेशन सिस्टम की ही व्यवस्था लागू रही है। वाहन उद्योग मानक 135 के अनुसार इंजन में आग लगने की स्थिति में यह सिस्टम सतर्क कर देता है।
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