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लाहुल के शाकन्डस में चले तीर
केलांग। लाहुल घाटी में विभिन्न प्रकार के पारंपरिक खेल समय-समय पर आयोजित किए जाते हैं। अधिकांश त्योहार व खेलों का आयोजन सर्दियां शुरू होने से लेकर इसके खत्म होने तक किया जाता है। इन खेलों में आमतौर पर पुरूष ही भाग लेते है।
गाहर घाटी के शाकण्डस गांव में इन दिनों पारंपरिक तीरअंदाजी खेल प्रतियोगिता, जिसे स्थानीय बोली में नमरंगस कहते है, का आयोजन किया जा रहा है। तीन दिन तक चलने वाली यह तीरअंदाजी प्रतियोगिता विशेषकर शिवरात्रि के दिनों में आयोजित होती है।
इस खेल में धनुर्धारी बर्फ की लिंगनुमा लक्ष्य पर निशाना साधते है,यह लक्ष्य एक पूर्व दिशा की ओर स्थापित किया जाता है, जिसे दैव्य स्वरूप माना जाता है, तथा दूसरा लक्ष्य पश्चिम दिशा की ओर स्थापित की जाती है, जिसे आसुरी रूप माना जाता है।धनुर्धारी पश्चिम दिशा की ओर बाण चलाते है, और भूत-प्रेतों को पश्चिम दिशा की ओर भगाते है।
इस प्रतियोगिता में स्थानीय लोग विशेष कर युवा वर्ग बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं। इस खेल को मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि घाटी में सुख समृद्धि व खुशहाली बनी रहना है।