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काफल पर पड़ गई मौसम की मार, 15 दिन देरी से पहुंचा बाजार
मंडी। औषधीय गुणों से भरपूर प्राकृतिक फल “काफल” पर इस बार मौसम की मार पड़ी है। बीते दिनों मौसम के बिगड़े मिजाज के कारण जंगलों में पाए जाने वाले इस फल की अधिकतर पैदावार नष्ट हो गई है। यही कारण है कि अप्रैल महीने के अंत या फिर मई महीने की शुरूआत तक बाजार में पहुंचने वाला यह प्राकृतिक फल इस बार 15 दिन बाद बाजार पहुंचा है।
काफल विक्रेता भूपेंद्र पाल ने बताया कि इस बार काफल की काफी कम पैदावार हुई है। अधिकतर फल आंधी-तूफान, बारिश और ओलावृष्टि के कारण नष्ट हो गए हैं। वहीं, लगातार बारिश होने के कारण यह फल काफी देरी से पककर तैयार हुआ है। अभी यह फल बाजार में 300 से 400 रूपए प्रतिकिलो की दर से बिक रहा है। आने वाले समय में यदि इसकी अधिक खेप बाजार में आती है तो फिर दामों में गिरावट हो सकती है।
औषधीय गुणों से भरपूर होता है काफल
काफल के औषधीय गुणों की बात करें तो इसमें कैल्शियम, जिंक, पोटाशियम सहित कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। जो शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी होते है। वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक डा. ओम राज शर्मा इसके गुणों के बारे में बताते हुए कहते हैं कि काफल पेट की जलन, गर्मी, डायरिया के लिए बहुत लाभकारी है। वहीं काफल गर्मी के दिनों में शरीर के इलेक्ट्रोलाइट को बनाए रखता है। इसका जूस मधुमेह और हृदयचाप को भी नियंत्रित रखता है।
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