-
Advertisement
पुरानी पेंशन बहाल होने से कितना होगा फायदा, एक क्लिक पर जाने पूरा गणित
Last Updated on March 4, 2022 by sintu kumar
हिमाचल में इन दिनों पुरानी पेंशन बहाली को लेकर बबाल मचा हुआ है। राजस्थान और झारखंड सरकार ने पुराने पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की है, इसके बाद हिमाचल (Himachal) के कर्मचारी उग्र हो उठे हैं। यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी ने भी इसे अपने घोषणा पत्र में जोड़ा है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि आखिर पुरानी पेंशन लागू होने से क्या फायदा होगा और इसके लिए कर्मचारी लंबे समय से क्यों मांग कर रहे हैं, आज हम इसे विस्तार से बताने जा रहे हैं।
यह भी पढ़ें- Live: सीएम जयराम विधानसभा में पेश कर रहे है अपने कार्यकाल का 5वां व आखिरी बजट
देश में पहली अप्रैल 2004 से तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने डिफेंस सर्विसेज को छोड़कर बाकी सरकारी सेवाओं में नई पेंशन स्कीम लागू (NPS) कर दी थी। देश में नई राष्ट्रीय पेंशन योजना लागू की गई। केंद्र सरकार ने इसे राज्यों के लिए अनिवार्य नहीं किया था लेकिन धीरे-धीरे ज्यादातर राज्यों ने अपने यहां भी नई पेंशन स्कीम लागू कर ली थी। पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी। वहीं, नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की सैलरी से 10 फीसदी की कटौती की जाती है। साथ ही इसमें 14 फीसदी हिस्सा सरकार मिलाती है। पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) में रिटायर्ड कर्मचारियों को सरकारी कोष से पेंशन का भुगतान किया जाता था, वहीं, नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) शेयर बाजार आधारित है और इसका भुगतान बाजार पर निर्भर करता है। पुरानी पेंशन योजना (OPS) में जीपीएफ की सुविधा होती थी, लेकिन नई स्कीम में जीपीएफ की सुविधा नहीं है। पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय की सैलरी की करीब आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी, जबकि नई पेंशन स्कीम में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है।
पेंशन योजना में आने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्त के बाद पूरी रकम मिलने के बाद बेसिक सैलरी का करीब करीब 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर मिल जाता है। वहीं राज्य कर्मचारियों पर प्रतिवर्ष लागू होने वाले होने इंक्रीमेट का फायदा भी मिलता है। वहीं, नौकरी में रहते हुए कर्मचारी के खाते से पेंशन में कोई कटौती नहीं होती है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने पुरानी पेंशन बहाल करने का प्लान बनाया है, इसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव राम सुभग सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करने का भी फैसला लिया, लेकिन कर्मचारी विधानसभा के चल रहे बजट सत्र (Budget Session) के दौरान ही इसे लागू करवाने पर अड़े हैं।