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हमारे शरीर के लिए खून बेहद जरूरी है। हम सब ये भी जानते हैं कि रक्तदान (Blood Donation) एक महा दान है। रक्तदान करने में सिर्फ 20 से 30 मिनट लगते हैं। हमें रक्तदान करना चाहिए। ऐसा करने से हम किसी की जिंदगी बचा सकते हैं। कई लोगों का मानना है कि रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी होती है, लेकिन जरूरी नहीं है कि ऐसा हो। आज हम आपको रक्तदान से जुड़ी कुछ बातों के बारे में बताएंगे।
बता दें कि खून चार प्रकार के होते हैं। ए (A), बी (B), एबी (AB) और ओ (O) पॉजिटिव और नेगिटिव। रक्तदान करने से पहले खून के कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं। इन टेस्ट में एचआईवी, मलेरिया, हेपेटाइटिस आदि शामिल हैं। रक्तदान करने वाले व्यक्ति का हीमोग्लोबिन 12.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर से ज्यादा होना चाहिए। रक्तदान करते समय व्यक्ति को किसी भी तरह की तकलीफ या किसी तरह के फैलने वाली समस्या की बीमारी नहीं होती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार खून देने से शरीर में खून के मुख्य कॉम्पोनेंट्स जैसे आरबीसी, डब्ल्यूबीसी, प्लेटलेट्स आदि जैसी चीजें जल्दी बनने लगते हैं, जो शरीर के लिए अच्छी मानी जाती हैं। रक्तदान करने से शरीर में कमजोरी नहीं आती है ना ही शरीर में किसी भी तरह का कोई नुकसान होता है। स्वस्थ व्यक्ति हर 6 महीने बाद रक्तदान कर सकता है। इतना ही नहीं अगर जरूरी हो तो आप हर महीने भी रक्तदान कर सकते हैं।
रक्त दान करने से लिवर भी स्वस्थ और सुरक्षित रहता है। इसके अलावा रक्तदान दिल के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जो लोग रक्तदान करते हैं उन्हें कम से कम दिल का दौरा पड़ने की आशंका होती है। रक्तदान नहीं करने वाले लोगों की तुलना में ये आशंका 88 प्रतिशत कम हो जाती है। रक्तदान मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के लिए भी एक सकारात्मक कदम साबित होता है। रक्तदान करने से तनाव और चिंता का खतरा कम होता है। रक्तदान करने से वजन कम करने में भी मदद मिलती हैं।
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