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सरकार दिखा रही दादागिरी, मंडियों के बाहर सेब बेचने को मजबूर बागवान : बोले बलबीर वर्मा
शिमला। प्रदेश में सेब सीजन पीक पर है, ऐसे में सियासत भी गर्म है। इसी बीच बीजेपी प्रवक्ता और चौपाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक बलवीर वर्मा ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर हमला करते हुए प्रदेश सरकार पर बागवानों के बीच भय का माहौल उत्पन्न करने का आरोप लगाया है। बलबीर वर्मा ने प्रदेश सरकार पर दादागिरी करने और बगैर तैयारी के प्रदेश में वजन के हिसाब से सेब बेचने के फैसले को लागू करने की बात कही है।
सेब बेचने बाहरी राज्यों का रुख कर रहे हैं
बलबीर वर्मा ने कहा कि प्रदेश के बागवानों में भय की स्थिति उत्पन्न हो गई है और बागवान सहमा हुआ है। सेब के ऊपर प्रदेश सरकार दादागिरी कर रही है और लोगों को धमका रही है। एक तरफ मौसम की मार से सेब मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल हो गया है तो वहीं दूसरी ओर बागवान मंडियों के बाहर ही सेब बेचने को मजबूर हो गया है। उन्होंने पराला मंडी का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि पराला जैसी बड़ी मंडी में भी बगवानों को मंडी के बाहर सेब बेचने को मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश में ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि लोग सेब बेचने बाहरी राज्यों का रुख कर रहे हैं।
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प्रदेश की मंडियों के बंद होने का संशय बना हुआ है, जिससे बागवान भयभीत हैं। बलवीर वर्मा ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने बिना तैयारी के बागवानों पर यह फैसला थोप दिया और यूनिवर्सल कार्टन समेत मूलभूत व्यवस्था नहीं की। बलवीर वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार बागवानों को इस निर्णय के बारे में समझा नहीं पाई और स्थिति ये है कि प्रदेश में मंडियों के बंद होने का संशय बना हुआ है।
मंडियों के बाहर से सेब खरीदने वाले कौन
वर्मा ने कहा कृषि एवं बागवानी मंत्री बताएं कि मंडियों के बाहर से सेब खरीदने वाले लोग कौन हैं, इनकी लगातार शिकायतें एसडीएम और पुलिस को भी हो रही है पर उनके ऊपर कार्रवाई इतनी तेज गति से होती नहीं दिखाई दे रही है।
प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है कि कभी आढ़ती और लदानी हड़ताल पर जा रहे हैं। बागबान बहुत परेशान है और कब मंडी बंद हो जाए इसके डर की वजह से सब बागबान चंडीगढ़ दिल्ली और मुंबई की ओर पलायन कर रहे है, इसका हिमाचल प्रदेश को बहुत नुकसान हो रहा है।
कई बागबानों के पास पुरानी पेटियां भी पड़ी है और जगह-जगह यह तक नौबत आ गई है कि 28 किलो सेब की कीमत 24 किलो के हिसाब से मिल रही है, इसको लेकर सरकार को एक ठोस नीति बननी चाहिए