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कैंसर मरीजों को इलाज के साथ मिले भावनात्मक सपोर्ट: राज्यपाल
Last Updated on November 29, 2023 by Soumitra Roy
शिमला (संजू)। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने बुधवार को यहां गेयटी थिएटर में ‘कैंसर-एक बढ़ती चिंता’ विषय पर आयोजित एक सेमिनार (Seminar) में लोगों में कैंसर के प्रति जागरूक करने की जरूरत को दोहराया। उन्होंने यह भी कहा कि इलाज के साथ कैंसर के मरीजों (Cancer Patients) को करुणा, सहानुभूति और समुदायिक भावना उन्हें नई ऊर्जा प्रदान कर सकती है, क्योंकि उन्हें कैंसर के इलाज के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।सेमिनार का आयोजन सैनिटेरियम एंड ऑस्पिटल ऑफ सेवेंथ-डे एडवेंटिस्ट्स ने किया था। राज्यपाल ने कहा कि कैंसर अपने विभिन्न रूपों में एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट (World Health Hazard) बन गया है। हमें इस पर ध्यान देने, संसाधनों और सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कैंसर में प्रत्येक आंकड़े के पीछे एक व्यक्तिगत कहानी, एक मानवीय चेहरा और इस बीमारी के निरंतर बोझ से प्रभावित एक समुदाय है।
मौत का दूसरे सबसे बड़ा कारण
राज्यपाल ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार कैंसर दुनिया भर में मौत का दूसरा प्रमुख कारण है, जो लगभग छह में से एक मौत के लिए जिम्मेदार है। कैंसर का सामना करने वाले लोगों के लिए भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सहयोग (Emotional And Psychological Support) की आवश्यकता है। उन्होंने व्यापक और सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर बल देते हुए कहा कि यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम ऐसी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की वकालत करें और उनमें निवेश करें, जो शुरुआती जांच और हस्तक्षेप को प्राथमिकता देती हैं।
हिमाचल में हर माह 10 नए मरीज
सम्मेलन में 12 विदेशी विशेषज्ञ चिकित्सक और देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए विशेषज्ञों ने भाग लिया। लुधियाना के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. क्लेरन सैम्युल ने बताया कि भारत में हर 4 मिनट में एक ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) डिटेक्ट होता है। हिमाचल में हर महीने करीब 10 लोगों में कैंसर डिटेक्ट होता है। यदि धूम्रपान और तंबाकू (Smoking And Tobacco) को रोका जाए तो कैंसर के 70% मामले कम हो जायेंगे।