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प्राइवेट जॉब इंप्लाइज के लिए बड़ी खबर, सरकार गवर्नमेंट कर्मियों के बराबर दे रही यह सौगात
नई दिल्ली। केंद्रीय सरकार निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत देने जा रही है। सरकार कर्मचारी भविष्य निधि में कर मुक्त योगदान की सीमा को दोगुना कर सकती है। इससे प्राइवेट सेक्टर (Private Sector) के कर्मचारियों को सरकरी कर्मचारियों के बराबर पांच लाख रुपए तक कर सकती है। पहले ये अढ़ाई लाख रुपए थी। जानकारों का कहना है कि विभिन्न खंडों से उठ रही मांग को देखते हुए निजी क्षेत्र के वेतनभोगी कर्मचारियों (Eemployees) के लिए भी कर्मचारी भविष्य निधि में कर.मुक्त योगदान की सीमा को बढ़ाकर सरकारी कर्मचारियों के बराबर यानी 5 लाख रुपए प्रति वर्ष किया जा सकता है।
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गौरतलब है कि ईपीएफओ (EPFO) के दायरे में आने वाली संगठित क्षेत्र की हर कंपनी को अपने कर्मचारी को ईपीएफ का लाभ देना जरूरी है। ईपीएफ में एंप्लॉयर व इंप्लॉई दोनों की ओर से योगदान रहता हैए जो कर्मचारी की बेसिक सैलरी+डीए का 12-12 फीसदी है। हालांकि नियोक्ता के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई पेंशन स्कीम ईपीएस (EPS) में जाता है और बाकी का हिस्सा कर्मचारी के पीएफ में।
ईपीएफ में निवेश और ब्याज पर टैक्स बेनिफिट
ईपीएफ (EPF) में निवेश को आयकर कानून के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है। यानी एक वित्त वर्ष में 1.50 लाख रुपए तक का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। ईपीएफ से मिलने वाले मैच्योरिटी अमाउंट और 5 साल की नौकरी (JOB) पूरी होने के बाद किए जाने वाले विदड्रॉअल पर टैक्स नहीं कटता है। हालांकि ब्याज पर टैक्स को लेकर अब नियम बदल चुका है।
बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने प्रस्ताव रखा कि विभिन्न पीएफ में कर्मचारी अंशदान पर होने वाली ब्याज आय के मामले में टैक्स छूट को 2.5 लाख रुपए सालाना अंशदान तक सीमित किए जाए। यानी किसी के ईपीएफ और वीपीएफ (VPF) खाते में 2.5 लाख रुपए तक सालाना कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज ही टैक्स फ्री हो। इस लिमिट से ऊपर के कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्स (Interest Tax) के दायरे में आए। 2.5 लाख रुपए की यह थ्रेसहोल्ड लिमिट नॉन गवर्नमेंट इंप्लॉइज के लिए है। सरकारी कर्मचारियों के लिए ईपीएफ और वीपीएफ खाते में 5 लाख रुपए तक के सालाना कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री किया जा चुका है।
पहली अप्रैल से लागू हो चुका है नया नियम
यह नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू हो चुका है और 1 अप्रैल 2021 को या उसके बाद होने वाले पीएफ (PF) अंशदानों के लिए मान्य है। सीबीडीटी ने इसे अगस्त 2021 में अधिसूचित किया था। इस नए नियम से वे कर्मचारी सीधे तौर पर प्रभावित होंगेए जिनकी आय उच्च है और वे वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड के जरिए मोटी टैक्स फ्री ब्याज आय प्राप्त कर लेते हैं। 31 मार्च, 2021 तक ईपीएफ और वीपीएफ खाते में हो चुके कॉन्ट्रीब्यूशन इस नए नियम से प्रभावित नहीं होंगे।
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