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कोरोना के चलते मंदिर नहीं बाजार में करवा रहे बच्चों के मुंडन संस्कार
बिलासपुर। आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्र का आज अंतिम दिन है। प्रदेश के सभी शक्तिपीठों में गुप्त नवरात्र के दौरान बाहरी राज्यों से श्रद्धालु पहुंचे और पूजा अर्चना की। प्राचीन परंपराओं के मुताबिक बिलासपुर जिला में स्थित मां नैना देवी के मंदिर में कई श्रद्धालु अपने छोटे-छोटे बच्चों के मुंडन संस्कार करवाते हैं । पहली बार बच्चों के बाल माता काली के चरणों में अर्पित करते हैं। गुप्त नवरात्रों के दौरान नैना देवी में काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपने छोटे-छोटे बच्चों के मुंडन संस्कार करवाएं और माता का आशीर्वाद प्राप्त किया। हालांकि कोविड-19 महामारी के इस दौर में मंदिर में मुंडन संस्कार तो नहीं करवाए जा रहे हैं पर श्रद्धालु बाजार में ही अपने बच्चों के मुंडन संस्कार करवा रहे हैं। सरकार की ओर से मंदिर में मुंडन संस्कार पर पाबंदी लगाई गई है।
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पंजाब से आए एक श्रद्धालु जिसने अपने बच्चे के मुंडन संस्कार करवाएं ने बताया कि यह उनकी प्राचीन परंपरा है। पहले उनके मुंडन संस्कार उनके पिता ने करवाए थे और अब वह अपने बच्चों के मुंडन संस्कार यह मां के दरबार में करवाने आए हैं । पूरा परिवार व बच्चे के मामा भी मां के दरबार में पहुंचते हैं और माता के दरबार में मुंडन करवा कर माता काली के चरणों में अर्पित करते है। ज्यादातर श्रद्धालु 1 वर्ष के अंदर अंदर अपने बच्चों के मुंडन संस्कार करवाते हैं और मुंडन करने के उपरांत मां का शुभ आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ताकि उनके बच्चे की लंबी उम्र हो और सद्धबुद्धि मिले।