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जानिए- Jairam Thakur ने किस गुमनाम पत्र का किया जिक्र- क्यों बोले होगी FIR
Last Updated on June 4, 2020 by Sintu Kumar
शिमला। सीएम जयराम ठाकुर( CM Jai ram Thakur) ने कोरोना संकट के दौर में विपक्ष की बयानबाजी का तल्ख जवाब दिया है। शिमला में मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने एक गुमनाम पत्र का भी जिक्र किया। यह पत्र किसी संस्था के नाम से लिखा गया है और इसमें वेंटिलेटर( Ventilator) महंगे दामों पर खरीदने की बात कही है। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पत्र में साढ़े तीन लाख का वेंटिलेटर 10 लाख में खरीदने के बारे लिखा गया है। उन्होंने कहा कि अगर पत्र लिखने वाले में हिम्मत होती तो नाम व पता लिखता। पत्र में सिर्फ एक संस्था का नाम है। जब विजिलेंस, सीआईडी ( Vigilance, CID)आदि को संस्था के बारे पता करने के लिए कहा तो ऐसी संस्था कहीं नहीं मिली। उन्होंने कहा कि जिस सस्ते वेंटिलेटर की बात पत्र में की गई है वह एक डमी वेंटिलेटर है और कंपनी अपने प्रचार के लिए अढ़ाई लाख सिक्योरिटी लेकर उसे डिस्पले में रखती है। जब वेंटिलेटर वापस किया जाता है तो सिक्योरिटी राशि भी वापस कर दी जाती है।
पत्र लिखने वाले को पाताल से भी ढूंढ निकालेंगे
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि जो वेंटिलेटर हिमाचल स्वास्थ्य विभाग( Himachal Health Department) ने खरीदा है उसकी कीमत अब भी एक पोर्टल पर 10 लाख 30 हजार है। इसमें किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं है। इस गुमनाम पत्र के मामले में एफआईआर( FIR) दर्ज होगी। साथ ही मानहानि का भी मामला दर्ज होगा। पत्र लिखने वाला व्यक्ति अगर पाताल में भी होगा तो उसे ढूंढ निकाला जाएगा। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को जवाब देते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसे कई पत्र आपके और आपके नेताओं के खिलाफ भी आते हैं, लेकिन बिना नाम और पते के आए पत्रों पर कार्रवाई करना हम उचित नहीं समझते हैं। क्योंकि ऐसे पत्र बदले की भावना से लिखे जाते हैं।
विपक्ष चाहे को आंदोलन कर सकता है, परवाह नहीं
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष आंदोलन करने की बात कह रहा है। वह कहना चाहते हैं कि आंदोलन करना है तो करें। वह परवाह नहीं करते हैं। विपक्ष ने विधानसभा में पटवारी परीक्षा में घोटाले के आरोप लगाए थे। सीबीआई की जांच के बाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है। अब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। इसमें एक भी अनियमतता नहीं पाई गई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष अपनी भूमिका निभाए। पर बेतुकी बातें ना करे। उन्होंने कहा कि हिमाचल में कोरोना के इस दौर में भ्रष्टाचार की कोई गुजाइश नहीं है। अगर कोई ऐसा करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि सैनिटाइजर मामला सामने आया। जब तक पेमेंट की जाती और सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाता उससे पहले ही मामला दर्ज कर लिया गया। मामले में एक अधीक्षक को सस्पेंड किया व चार को चार्जशीट किया गया।
हिमाचल में एक और मामला आया पीपीई किट का। इस मामले में सरकार की कोई भी अनियमितता नहीं है। मामला दो लोगों के बीच बातचीत का है। बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ। सरकार ने उसी वक्त मामले में एफआईआर के आदेश दिए और जांच विजिलेंस को सौंपी। हेल्थ निदेशक पर कार्रवाई अमल में लाई गई। वायरल हुई ऑडियो वायर हुआ। जिस क्षण पता चला कि कार्रवाई की और एफआईआर की। मामला विजिलेंस में चल रहा है। हेल्थ निदेशक को सस्पेंड कर दिया गया है। जांच की रिपोर्ट आने के बाद अगली कार्रवाई कानून के आधार पर की जाएगी।