-
Advertisement
जयराम ठाकुर की दो टूक, सीएम कर्मचारियों के बीच जाएं ये संभव नहीं, भेजें प्रतिनिधिमंडल
शिमला। हिमाचल में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर विधानसभा के बाहर पहुंच चुके एनपीएस कर्मचारियों (NPS employees) ने मंत्री सुरेश भारद्वाज से बात करने से भी साफ इंकार कर दिया है। एनपीएस कर्मचारियों मांग कर रहे हैं कि सीएम जयराम ठाकुर उनकी बात सुनने उनके बीच आएं। जिस पर सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने दो टूक कहा है कि यह संभव नही है। जयराम ठाकुर ने साफ किया है कि सीएम उनके बीच आएं यह संभव नहीं है। कर्मचारियों की यह शर्त मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी बात सुनने में परेशानी नहीं हैं, लेकिन इसके लिए जो रास्ता उन्होंने अपनाया है वह सही नहीं है। सीएम जयराम ने कहा कि कर्मचारियों को अगर बात करनी है तो वह अपना एक प्रतिनिधिमंडल भेजें उससे हम बात करेंगे। सीएम जयराम ने कहा कि आप कर्मचारी हैं। आप अपनी मांग शालीनता के साथ रखें। जिस भाषा में वे बात करना चाह रहे हैं वह उचित नहीं है। उन्होंने कर्मचारियों से आह्वान किया कि आंदोलन को स्थगित करें। इससे उनको भी परेशानी हो रही और लोगों को भी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी राजनीतिक खिलौना ना बनें।
यह भी पढ़ें:हिमाचल विधानसभा: सदन में सीएम जयराम और मुकेश के बीच तीखी नोकझोंक
वहीं जब सीएम जयराम से पूछा गया कि एनपीएस कर्मी मांग कर रहे हैं कि अगर कर्मचारियों को पेंशन नहीं तो मंत्री और विधायक भी पेंशन (MLA Pension) छोड़ें। जिस पर सीएम जयराम ने जवाब दिया कि उनकी राय से चीजें चलेंगी यह संभव नहीं है। वहीं एनपीएस कर्मचारियों पर पुलिस बल प्रयोग के सवाल के जवाब में जयराम ठाकुर ने कहा कि बल प्रयोग इसे नहीं कहते हैं। आंदोलन करने वाले कर्मचारियों ने पुलिस घेरा तोड़ा। जिसके बाद पुलिस ने शांतिपूर्वक ढंग से सब्र और संयम के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि आंदोलित होकर समस्या का समाधान नहीं हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि ओपीएस की कर्मचारी लंबे समय से मांग कर रहे हैं। उन्होंने पहले भी स्पष्ट किया है। जब प्रदेश में न्यू पेंशन स्कीम लागू हुई थी उस वक्त कांग्रेस की वीरभद्र सरकार थी। केंद्र की बीजेपी सरकार ने प्रदेशों को ऑप्शन भेजे तो हिमाचल ने सबसे पहले इसे लागू किया था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कर्मचारियों के मुद्दों का समाधान किया। पिछले चार साल में कर्मचारियों का आंदोलन देखने को नहीं मिला। कोविड की स्थिति में भी सैलरी लंबित नहीं होने दी। साथ ही अन्य वित्तीय लाभ भी दिए। उन्होंने कहा कि वह विधानसभा में भी कह चुके हैं कि सरकार कर्मचारियों के सुझाव सुनने के लिए तैयार हैं। इसमें कोई आपत्ति नहीं है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन भी किया है। कर्मचारी कमेटी के समक्ष भी अपनी बात रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारी शांतिपूर्वक ढंग से बातचीत करें। आंदोलन किसी समस्या का समाधान नहीं है।
हिमाचल और देश-दुनिया के ताजा अपडेट के लिए like करे हिमाचल अभी अभी का facebook page
हिमाचल और देश-दुनिया की ताजा अपडेट के लिए join करें हिमाचल अभी अभी का Whats App Group…