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DDU अस्पताल महिला सुसाइड मामले को लेकर गुस्से में जयराम, अधिकारियों की लगाई क्लास
Last Updated on September 27, 2020 by Deepak
शिमला। दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला (DDU Shimla) में चौपाल की कोरोना पॉजिटिव महिला के सुसाइड मामले और अस्पताल में व्यवस्थाओं को लेकर सीएम जयराम ठाकुर आज खासे नाराज दिखे। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने आज शिमला से उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों व चिकित्सा अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई बैठक में अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। बता दें कि डीडीयू अस्पताल में एक महिला ने सुसाइड कर लिया है। यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। विपक्षी दल कांग्रेस ने तो सरकार को घेरते हुए प्रदर्शन भी किया। सरकार ने भी मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, इसी बीच डीडीयू के एमएस को भी हटा दिया गया है। एमएस ने प्रेस कांफ्रेंस कर व्यवस्थाओं की पोल खोली है। प्रशासनिक अधिकारियों के भी लपेटे में लिया है। सूत्रों के अनुसार इन्हीं सब बातों को लेकर सीएम जयराम ठाकुर नाराज दिखे।
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अब नाहन, हमीरपुर और चंबा से कोरोना पॉजिटिव मरीज आईजीएमसी (IGMC), मेडिकल कॉलेज नेरचौक और मेडिकल कॉलेज टांडा के लिए रेफर नहीं होंगे। बहुत ही इमरजेंसी में ऐसा हो सकेगा। क्योंकि चंबा (Chamba), हमीरपुर और नाहन मेडिकल कॉलेज में कल से आइसोलेशन वार्ड क्रियाशील हो जाएंगे। यह जानकारी सीएम जयराम ठाकुर ने दी है। बता दें कि चंबा के कोरोना पॉजिटिव गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज टांडा (Medical College Tanda), हमीरपुर के मरीजों को मेडिकल कॉलेज नेरचौक और सिरमौर के मरीजों को आईजीएमसी रेफर किया जाता है। सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने आज शिमला से उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों व चिकित्सा अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस से हुई बैठक में कहा कि चंबा, हमीरपुर और नाहन मेडिकल कॉलेजों में कल से आइसोलेशन वार्ड क्रियाशील हो जाएंगे, जिससे आईजीएमसी शिमला, डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा, लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक को रेफर किए जाने वाले मरीजों में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि मरीजों की सुविधा के लिए इन मेडिकल कॉलेजों में प्रत्येक में 15 से 20 बिस्तरों वाले आइसोलेशन वार्ड (Isolate Ward) की सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों के उचित कार्य पद्धति के लिए प्रशासन और अस्पताल प्राधिकरण के बीच उचित समन्वय होना चाहिए। अगर आवश्यक हो तो कोविड-19 (Covid-19) के मरीजों के लिए उचित सुविधाएं और अन्य जरूरी प्रबंध सुनिश्चित करने के लिए एक अलग नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी कोविड मरीज की दुखद मृत्यु होने पर परिवार को शव सौंपने के उपाय करने चाहिए।
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उन्होंने कहा कि कोविड-19 रोगियों विशेषकर अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के उचित उपचार के लिए समान रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है। सीएम ने राज्य में कुछ दिनों से कोविड-19 रोगियों की मृत्यु की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चिकित्सकों को रोगियों का उचित उपचार सुनिश्चित करना चाहिए, विशेषकर जिन्हें अन्य गंभीर बीमारियां भी हैं। उन्होंने कहा कि जो लक्षणहीन रोगी घर पर आइसोलेशन में हैं, उनके द्वारा भी उचित प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि ऐसे रोगी जो घर पर हैं, उन्हें उचित उपचार नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे रोगियों को भी मानक संचालन प्रक्रिया अनुसार पर उपचार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 अस्पतालों में उचित स्वच्छता व सफाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
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सीएम ने कहा कि रोगियों को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन सिलेंडर (Oxygen Cylinder) उपलब्ध करवाए जाने चाहिए, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े। उन्होंने कहा कि रोगियों को गर्म पानी, काढ़ा तथा पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जाना चाहिए और इसके अतिरिक्त कोविड-19 रोगियों और उनके परिवार के बीच संवाद के लिए प्रणाली विकसित की जानी चाहिए। उन्होंने वरिष्ठ चिकित्सकों को कोविड-19 रोगियों के उचित उपचार के लिए प्रतिदिन स्वास्थ्य जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों तथा बड़े आंचलिक अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिए कि वह दिन में दो बार दौरा कर वार्डों में स्वच्छता, रोगियों का उपचार, खाद्य गुणवत्ता तथा शौचालयों की स्वच्छता इत्यादि की सुविधा का निरीक्षण करें।
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जयराम ठाकुर ने कहा कि आईजीएमसी शिमला, डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा, लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में कोविड-19 के मरीजों की अधिक संख्या के मद्देजजर इन मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित करने पर बल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों वाले मरीजों को तुरन्त अस्पताल जाने के लिए प्रेरित करने के लिए सूचना, शिक्षा व संप्रेषण के लिए उचित योजना बनाई जानी चाहिए, ताकि बिना विलम्ब उनका उपचार किया जा सके, जिससे समय रहते मरीजों की स्थिति संभालने में सहायता होगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने चिकित्सकों व अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ से रोगियों के उपचार के लिए समर्पण भावना से कार्य करने का आग्रह किया। उन्होंने कोविड रोगियों की आवश्यकतानुसार भोजन प्रदान करने को कहा। मुख्य सचिव अनिल खाची ने कोविड रोगियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत पर बल दिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान, सीएम के प्रधान सचिव जेसी शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा व अन्य अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।