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रूस-यूक्रेन जंग के बीच भारतीय बैंक ने कर दिया बड़ा ऐलान! जान ले काम की है बात
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। रूस में भारत के सबसे बड़े लैंडर भारतीय स्टेट बैंक (SBI)और मिड-साइज पब्लिक सेक्टर बैंक केनरा बैंक (Canara Bank) का ज्वाइंट वेंचर काम करता है। रूस में एक्टिव यह भारतीय ओरिजिन का एकमात्र बैंकिंग ऑरगेनाइजेशन है। एसबीआई और केनरा बैंक के ज्वाइंट वेंचर का नाम कमर्शियल इंडो बैंक एलएलसी (Commercial Indo Bank LLC)है। भारतीय रिजर्व बैंक इस जंग के बीच उत्पन्न स्थिति पर नजर रख रहा है। आरबीआई की तरफ से दिए गए डेटा के मुताबिक रूस में किसी भी भारतीय बैंक की कोई सब्सिडियरी नहीं हैं। दूसरे देशों में भारतीय बैंकों की दर्जनों सब्सिडियरी कंपनियां हैं लेकिन ये कंपनियां ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका और केन्या, तंजानिया और भूटान जैसे देशों में हैं। यानी रूस में अभी भारत की सब्सिडियरी ना होने से कमर्शियल इंडो बैंक एलएलसी ही एक मात्र वेंचर है।
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इसी बीच भारत के सबसे बड़े लेंडर ने यह साफ कर दिया है कि इंटरनेशनल प्रतिबंधों के दायरे में आई रूसी इकाइयों के साथ वह किसी तरह का ट्रांजैक्शन नहीं करेगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एसबीआई (SBI) ने अपने कुछ क्लाइंट्स को पत्र भेजकर सूचित करते हुए कहा है, यूएसए यूरोपीय यूनियन और संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल बैंक, पोर्ट्स और टमेमसे के साथ किसी तरह का ट्रांजैक्शन नहीं किया जाएगा। साथ ही इस बात से भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि ट्रांजैक्शन किस करेंसी में हो रही है।
31 अक्टूबर 2021 तक के डेटा के अनुसार भारतीय बैंकों की दूसरे देशों में कुल 124 शाखाएं हैं जिनमें, यूएई में भारतीय बैंकों की सबसे अधिक 17 शाखाएं, सिंगापुर में 13, हांगकांग में नौ और अमेरिका, मॉरीशस एवं फिजी द्वीप में 8.8 ब्रांच हैं। यानी भारतीय बैंक की रूस (Russia)में कोई शाखा नहीं है। इतना ही नहीं, आपको बता दें कि रूस में भारतीय बैंकों का कोई रिप्रेजेंटेटिव ऑफिस भी नहीं है जबकि यूएईए ब्रिटेन और हांगकांग जैसे देशों में भारत के 38 रिप्रेजेंटेटिव ऑफिस हैं।