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आयोग की मांग पूरी, तपोवन की तोड़फोड़ का गुनाहगार कौन
धर्मशाला/तपोवन। सवर्ण आयोग की मांग को लेकर विभिन्न संठगनों के बैनर तले पहुंचे लोगों को सामान्य वर्ग आयोग (general class commission) तो मिल गया, लेकिन प्रदर्शन (protest) के दौरान उग्र हुए लोगों ने जिस प्रकार से अपनी हदें पार कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया उसका गुनहागार कौन। आपको बताते चलें कि सवर्ण आयोग के गठन की मांग को लेकर शुक्रवार सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग तपोवन (tapovan) से करीब एक किलोमीटर पीछे जोरावर स्टेडियम में एकत्रित हुए थे। इसके बाद उग्र भीड़ ने विधानसभा घेरने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और तपोवन विधानसभा परिसर के बाहर पहुंच गए।
कुछ प्रदर्शनकारियों ने विधानसभा परिसर के भीतर घुसने की कोशिश की। अग्निशमन विभाग की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद पुलिस और अग्निशमन विभाग के कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पानी की बौछार की और प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी भी की, जिसमें कुछ लोग घायल हो गए। डीजीपी और डीसी की गाड़ियों का भी घेराव किया गया। डीजीपी संजय कुंडू और डीसी कांगड़ा निपुण जिंदल कुछ देर के लिए भीड़ के बीच फंसे रहे।
इसके बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (cm jairam thakur) ने प्रदर्शनकारियों से बात कीए लेकिन वे सवर्ण आयोग की घोषणा पर अड़े रहे। सीएम ने बजट सत्र का वक्त मांगाए लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने और लिखित में आश्वासन मांगा। इस दौरान विधानसभा में पूरी सरकार के बंधक बनने जैसे हालात हो गए थे।
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विधानसभा से बाहर जाने वाला एक ही रास्ता है जो प्रदर्शनकारियों के कब्जे में था। इसके बाद स्थिति और तनावपूर्ण होती देख सीएम जयराम ने तीन महीने में सामान्य वर्ग आयोग गठन की विधानसभा में घोषणा की। इसके प्रदर्शनकारी मानने को तैयार हुए। इससे पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सिर्फ मध्य प्रदेश ही में सामान्य वर्ग आयोग है।