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प्रतिभा सिंह शायद भूल गईं कारगिल युद्ध में भारत माता ने खोए थे 527 सपूत, 52 हिमाचली थे, देखें क्या कहा
संजीव कुमार/ गोहर। प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) शायद भूल गईं कि कारगिल युद्ध (Kargil War) में देश ने 527 वीर सपूत खोए थे, जिनमें से 52 रणबांकुरे हिमाचली थे। अगर कांग्रेस प्रत्याशी (Congress Candidate) नाम भूल गई है, तो उन्हें याद दिला दें कि पालमपुर के रहने वाले विक्रम बत्रा को शहीद मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था, जबकि सौरभ कालिया का भी संबंध पालमपुर हिमाचल से था। इनके अलावे परमवीर चक्र विजेता राइफलमैन संजय सिंह का संबंध भी हिमाचल से है। ऐसे करीब 48 नाम और हैं जिन्होंने देश की संप्रभुता के लिए अपनी जान की बाजी लगाई थी।
नांडी गांव में दिया विवादित बयान
दरअसल,कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह चुनावी दौरे को लेकर नाचन के नांडी गांव पहुंची थी। अपने चिर प्रतिद्वंदी बीजेपी प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशाल सिंह पर जुबानी हमला बोलने के क्रम में विवादस्पद बयान दे दिया। उन्होंने कारगिल युद्ध को ही छोटा बता दिया। प्रतिभा सिंह ने कहा कि बीजेपी ने अपना टिकट एक पूर्व फौजी को दिया है, क्योंकि उन्होंने कारगिल युद्ध में भाग लिया था। लेकिन कारगिल युद्ध कोई बड़ा युद्ध नहीं था। सिर्फ अपनी ही धरती से ही पाकिस्तानियों को खदेड़ा था।
बीजेपी प्रत्याशी को लेकर दिए विवादित बयान
प्रतिभा सिंह ने कहा कि ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को बीजेपी इस तरह पेश कर रही है जैसे की वे बहुत बड़े वीर सैनिक रहे हों और विजय हासिल की हो। बीजेपी यह सब सिर्फ इसलिए कर रही है ताकि सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के वोट हासिल कर सके। लेकिन जनता ने सोच समझकर और विकास के नाम पर अपनी मुहर मुहर लगाएगी।
स्व. वीरभद्र सिंह के काम की दिलाई याद
वहीं, इसके बाद प्रतिभा सिंह नाचन विधानसभा क्षेत्र में करीब आधा दर्जन जनसभाओं को संबोधित किया और अपने लिए वोट मांगे। उन्होंने जाच्छ में आयोजित जनसभा के दौरान कहा कि प्रदेश में जो विकास हुआ है वह स्व. वीरभद्र सिंह और कांग्रेस पार्टी की देन है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सिर्फ चुनावी मुद्दे तैयार करके लोगों को बांटने का काम करती है। कभी राम के नाम पर लोगों को गुमराह किया जाता है तो कभी मोदी के नाम पर। जो भी सपने लोगों को दिखाए गए थे वे आज दिन तक पूरे नहीं हुए हैं।
18 ग्रेनेडियर ने तोलोलिंग पर लहराया था तिरंगा
बता दें कि कारगिल युद्ध में देश के 527 तो प्रदेश के 52 रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर शहादत पाई थी। ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने इस युद्ध के दौरान जिस 18 ग्रेनेडियर का नेतृत्व किया उसने तोलोलिंग की पहाड़ी पर कब्जा किया था जिसे इस युद्ध की जीत का टर्निंग प्वाइंट माना जाता है। लेकिन अब प्रतिभा सिंह ने इस युद्ध को छोटा बताकर विवाद खड़ा कर दिया है।
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