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नीरज भारती की पोस्ट से कांग्रेस में खलबली, सीएम सहित अपने पिता चंद्र को दे डाली नसीहत
रविन्द्र चौधरी। ज्वाली। चाहे बीजेपी हो चाहे कांग्रेस अपनी बात को सीधे स्पष्ट सोशल प्लेटफॉर्म पर रखने वाले कांग्रेस नेता नीरज भारती (Congress leader Neeraj Bharti) ने एक बार फिर सरकार पर व्यंग्य कस दिया है। उन्होंने लिखा है कि 8 महीने बहुत होते है अपनी सरकार की कार्यप्रणाली बनाने में 9 महीने में तो बच्चा भी जन्म ले लेता है।
इसमें सीधा और साफ है कि सुक्खू सरकार (Sukhu Govt) में लोगों के नाम युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। उन्होंने ये भी लिखा है कि विपक्ष का समय सुखी था। अपनी पोस्ट में उन्होंने यहाँ तक भी लिख दिया है कि सत्ता परिवर्तन करना राजनीतिज्ञों का काम है और व्यवस्था परिवर्तन करना सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का काम है राजनीतिज्ञों और उनके कार्यकर्ताओं ने सत्ता परिवर्तित कर दी लेकिन अधिकारी और कर्मचारी अभी भी पुरानी व्यवस्था वाले ही है। आज भी विपक्ष के लोगों के साथ बैठ कर पार्टियां कर रहे हैं उनके कामों और बातों को तरजीह दे रहे हैं और सत्ता परिवर्तन करने वाले अधिकतर कार्यकर्ता और कुछ नेता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
सत्ता में आते ही वो आंखो के तारे बन जाते हैं
नीरज भारती ने लिखा है कि कांग्रेसियों का यही हाल है जब विपक्ष में होते है तो सत्ता के लिए लड़ते है, डंडे खाते है, धक्के खाते है, सिर फुटवाते है, अपने ऊपर केस डलवाते है लेकिन जैसे ही सत्ता मिलती है तो ये भूल जाते है कि सत्ता कैसे मिली है जो अधिकारी और कर्मचारी विपक्ष में रहते आंखो को चुभते थे सत्ता में आते ही वो आंखो के तारे बन जाते हैं। कमाल की सत्ता है और उस सत्ता का व्यवस्था परिवर्तन है।
अधिकारियों और कर्मचारियों के बारे में सोचें
नीरज भारती ने सोशल मीडिया पोस्ट पर अपने पिता मंत्री चौधरी चंद्र कुमार (Chander Kumar) को भी नसीहत से डाली। उन्होंने कहा कि चौधरी चंद्र कुमार अपनी ही कांग्रेस पार्टी के चुने हुए प्रतिनिधियों पर तंज कसने से अच्छा है कि आप अपने जिले पर ध्यान दें हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा के आप एकमात्र मंत्री है सरकार में इसलिए अपनी पार्टी के चुने हुए विधायकों पर टिप्पणी करने की बजाए इस सबसे बड़े जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों के बारे में सोचें जो आज से 8 महीने पहले भी वही थे और आज भी वही है।
क्या यही है व्यवस्था परिवर्तन
जिले के कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बारे में सोचें जिन्हे ये अधिकारी मुंह नहीं लगा रहे हैं, और उस विधायक पर भी नजर रखें जो आपका और सीएम सुक्खू खास होने का ढोंग रच कर इन अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ सांठगांठ बना के बैठा है। इससे सीधा और स्पष्ट है कि प्रदेश में ना तो युवाओं के लिए कोई भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई और ना ही जेओआईटी की परीक्षाओं का कुछ बन पाया। चयन बोर्ड भंग कर दिया गया लेकिन उस पर भी दोबारा कुछ नहीं हो पाया। स्कूलों में शिक्षकों की कमी। क्या यही है व्यवस्था परिवर्तन