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दस शर्तों के साथ देशभर में कांग्रेस सदस्यता अभियान शुरू,15 लाख लोगों को जोड़ने का लक्ष्य
नई दिल्ली। कांग्रेस ने दस शर्तों के साथ सोमवार से सभी राज्यों में पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है। यह अभियान अगले साल 31 मार्च तक चलेगा कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव को देखते हुए इसे अहम माना जा रहा है। गौरतलब है कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में संगठनात्मक चुनाव के मद्देनजर पार्टी का सदस्यता अभियान 1 नवम्बर शुरू से करने का निर्णय लिया गया था। झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आईएएनएस को बताया कि उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 15 लाख लोगों को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य दिया है। पिछली बार उन्होंने झारखंड में साढ़े 4 लाख लोगों को जोड़ा था।
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उन्होंने कहा कि हमें 15 लाख नए सदस्यों को जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है। हम उसको पूरा करने का काम करेंगे। साथ ही साथ जो जन-जागरण अभियान चलाने की बात कही गई है, उसमें ब्लॉक स्तर और पंचायत स्तर पर जो हमारे सीनियर लीडर्स हैं, विधायक, मंत्री हैं, सबको लगाने का काम करेंगे। हमें लगता है कि जनता में आक्रोश है। उसे इकट्ठा करके मौजूदा सरकार को भगाना है। वहीं अन्य प्रदेशों को भी इसी तरह से टारगेट दिया गया है है। उत्तर-प्रदेश को खास तौर पर ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाने को कहा गया है। इस मसले पर कांग्रेस के चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री की तरफ से सभी राज्यों को कहा गया है कि 31 मार्च तक कितने सदस्य प्रदेश की ओर से बनाये गए इसकी जानकारी केंद्रीय नेतृत्व को देनी है। हालांकि कांग्रेस के सदस्यता फॉर्म के मुताबिक पार्टी की प्राथमिक सदस्यता लेने के लिए 10 शर्तों का पालन अनिवार्य तौर पर करना होगा।
जिसके मुताबिक किसी भी कांग्रेस सदस्य को शराब और नशीले पदार्थों से परहेज करने की घोषणा करनी होगी। जिसकी चर्चा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की सीडब्ल्यूसी की बैठक में की थी। इसके साथ ही पार्टी के सार्वजनिक मंचों पर कांग्रेस की नीतियों व कार्यक्रमों की आलोचना स्वीकार नहीं की जाएगी। दरअसल पार्टी के कई वरिष्ठ नेता सार्वजनिक मंचों पर कांग्रेस और शीर्ष नेतृत्व की आलोचना कर चुके हैं। पंजाब प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने तो फैसला उनके अनुरूप न होने पर शीर्ष नेतृत्व की ईंट से ईंट बजाने का ऐलान कर दिया था। सदस्यों के लिए अन्य अनिवार्य नियमों के मुताबिक नए सदस्यों को ऐलान करना होगा कि वे सीलिंग कानूनों से अधिक किसी भी संपत्ति के मालिक नहीं होंगे। साथ ही नये सदस्य को ये वचन लेना होगा कि वह धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और लोकतंत्र के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए सदस्यता लेगा और काम करेगा।