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रिकांगपिओ। हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला किन्नौर (Kinnaur) के खरोगला नाले में बाढ़ आने से पानी ग्रामीणों के खेतों में घुस गया, जिससे ग्रामीणों की लाखों की फसल के साथ सेब के बगीचों को भी भारी नुकसान हुआ है। वहीं, नाले में अचानक बाढ़ (Flood) आने से करीब छह मजदूर पूरी रात नाले की एक तरफ फंसे रहे, जिन्हें कई घंटों के बाद आज रेस्क्यू (Rescue) किया गया। बता दें कि यह बाढ़ शनिवार देर रात को किन्नौर के बटेसरी गांव के निकट खरोगला नाले में आई। बाढ़ आने से बटसेरी गांव के कई ग्रामीणों के खेतों में बाढ़ का पानी घुस गया, जिससे बटसेरी गांव के चिस्पान क्षेत्र में इंद्र भगत, मुकेश कुमार, सूरत सिंह, तांजिन छोपेल, राकेश कुमार, राधा कृष्ण व जितेंद्र सिंह सहित कई ग्रामीणों के खेतों में बाढ़ के पानी से भूमि कटाव हुआ और इन ग्रामीणों को लाखों रुपयों का क्षति हुई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बीती रात से ही इस खरोगला नाले में बाढ़ शुरू हुई थी, लेकिन सुबह होते ही इसका बहाव काफी तेज़ हो गया, जिसके बाद खरोगला नाले से बाढ़ का प्रभाव बटसेरी गांव के लोगों के सेब के बगीचों (Apple Orchards) तक घुस आया और बगीचों को तबाह कर दिया। बताया जा रहा है कि इस बाढ़ से बास्पा नदी पर बनी 300 मेगावाट जेएसडब्ल्यू विद्युत परियोजना में भी सिल्ट की मात्रा बढ़ गई है। बाढ़ की सूचना मिलते ही राजस्व विभाग की ओर से पटवारी एवं नायब तहसीलदार ने घटनास्थल का दौरा कर नुकसान के आकलन का कार्य शुरू कर दिया है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले साल भी इस नाले में बाढ़ आई थी जिससे लाखों का नुकसान हुआ था। ग्रामीणों ने इस संदर्भ में जिला प्रशासन से खरोगला नाले में बाढ़ से बचाव के लिए सुरक्षा दीवार लगाए जाने की मांग भी की थी। लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक सुरक्षा दीवार नहीं लगाई गई। जिसका खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
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