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Cyber Fraud Alert : सोशल मीडिया पर ऐसा फोटो डाला कि अकाउंट ही हो गया खाली, आप भी ना करें ये गलती
Cyber Fraud Alert : आज के डिजिटल युग (Digital World) में ऐसा कोई ही होगा जो अपनी फोटोज शेयर नहीं करता होगा। फोटोज शेयर करने से हालांकि, आप उस फोटो को उम्र भर के लिए याद के तौर पर रख सकते हैं। लेकिन साइबर ठगों के लिए ये एक मौके के जैसी भी हो सकती है। दरअसल, एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक शख्स ने अपनी एक ऐसी फोटो सोशल मीडिया (Social Media) पर पोस्ट कर दी जिसका फायदा साइबर ठगों ने उठाया और देखते ही देखते इस शख्स के अकाउंट (Account) से सारे पैसे खत्म हो गए। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपको भी किस तरह की फोटोज सोशल मीडिया पर शेयर करने से बचना चाहिए।
फोटो से उनके फिंगरप्रिंट क्लोन तैयार कर रहे ठग
नोएडा (Noida) में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां ठगों ने लोगों की फोटो से उनके फिंगरप्रिंट (Finger Print) का क्लोन तैयार किया और उसका गलत उपयोग किया। इस तरह के 10 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिनकी जांच चल रही है। इस घटना के बाद, स्टूडेंट्स को सोशल मीडिया पर अपनी कोई भी फोटो शेयर करने से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। खासकर तब, जब फोटो में आपके फिंगरप्रिंट या अन्य संवेदनशील जानकारी दिख रही हो। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोशल मीडिया अकाउंट्स (Social Media Account) में प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत करना और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Two-Factor Authentication) का उपयोग करना आवश्यक है। इससे आपकी संवेदनशील जानकारी सुरक्षित रहेगी और ठगों के हाथों में नहीं आएगी।
आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) में फिंगरप्रिंट सुरक्षा महत्वपूर्ण
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, AEPS में फिंगरप्रिंट सुरक्षा बेहद जरूरी है। लोगों को सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे साइबर ठगी का खतरा बढ़ता है। फिंगरप्रिंट की सुरक्षा संबंधी जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि लोग साइबर अपराधों से सुरक्षित रहें।
सोशल मीडिया और बायोमेट्रिक जानकारी की सुरक्षा के लिए सावधानियां
1. सोशल मीडिया पर संवेदनशील जानकारी साझा न करें।
2. प्राइवेसी सेटिंग्स को मजबूत करें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करें।
3. बायोमेट्रिक डेटा को केवल भरोसेमंद प्लेटफार्मों पर साझा करें।
4. सॉफ्टवेयर अपडेट्स का ध्यान रखें।
5. बायोमेट्रिक लॉग्स पर नियमित रूप से ध्यान दें।
6. बायोमेट्रिक डाटा का उपयोग सीमित रखें।
7. आधार की जांच नियमित रूप से करें।