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हिमाचल: जंगल में टुकड़ों में मिली 6 साल के मासूम की लाश, दिवाली की रात हुआ था गायब
शिमला। प्रदेश की राजधानी शिमला (Shimla) में आदमखोर तेंदुए ने एक और मासूम की जान ले ली है। दिवाली (Diwali) की रात से पुराने बस स्टैंड के साथ लगते डाउनडेल इलाके से गायब हुए 6 साल के मासूम का शव शनिवार को साथ लगते जंगल (Forest) में टुकड़ों में मिला है। इस पूरी घटना से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। बता दें कि शिमला शहर में पुराने बस स्टैंड के पास डाउनडेल क्षेत्र में दिवाली की रात को 6 साल का मासूम योगराज संदिग्ध हालात में गायब हो गया था। योगराज पुत्र केदारनाथ डाउनडेल बस्ती में मंदिर के पास बने एक कच्चे मकान में अपने परिवार के साथ रहता था। योगराज के पिता चालक हैं। परिवार सोलन जिले के अर्की से संबंध रखता है। दिवाली की रात करीब आठ बजे योगराज पड़ोसी के एक बच्चे के साथ घर के आंगन में फुलझड़ियां जला रहे था।
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इसी बीच योगराज अचानक गायब हो गया। वहीं, उसके साथ खेल रहे 4 साल के बच्चे ने बताया कि कोई जानवर योगराज को उठाकर ले गया। जिसके बाद योगराज के घरवाले उसे ढूंढने निकल गए। इसी दौरान योगराज के घरवालों को घर से थोड़ी दूर बच्चे की पेंट खून के धब्बों से भरी पड़ी मिली, लेकिन काफी देर ढूंढने के बाद जब योगराज का पता नहीं चला तो लोगों ने घटना की सूचना पुलिस और वन्यजीव विभाग को दी। जिसके बाद पुलिस और वन्यजीव विभाग की टीमों ने रात को ही सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया, लेकिन फिर भी उन्हें कोई सुराग नहीं मिला। वहीं, शुक्रवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस को बच्चे का शव जंगल से बरामद हुआ।
शिमला के कनलोग से भी बच्ची को उठा ले गया था तेंदुआ
शहर में इसी साल तेंदुए के दिखने और हमला करने की बहुत सी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद वन विभाग को इस आदमखोर तेंदुए का अभी तक कुछ पता नहीं चला पाया है। इसी साल 4 अगस्त को भी शिमला शहर के कनलोग क्षेत्र से भी एक बच्ची को तेंदुआ उठा ले गया था। जिसका क्षतविक्षत सिर 6 अगस्त को साथ लगते जंगल से बरामद किया गया था। वहीं, विकासनगर, समिट्री, कनलोग, खलीनी और फागली आदि इलाकों में भी आए दिन तेंदुए के रिहायशी इलाकों में घूमने और कुत्तों का शिकार करने की शिकायतें आ चुकी हैं। वन विभाग सिर्फ लोगों को रात के समय अलर्ट रहने को कह रहा है।
रिहायशी इलाकों में तेंदुए की दस्तक से शहरवासियों में दहशत
कसुम्पटी पार्षद राकेश चौहान ने कहा कि राजधानी के रिहायशी इलाकों में तेंदुए की दस्तक से शहरवासी दहशत में हैं। उन्होंने कहा कि शहर में दिन में बंदर और रात को तेंदुआ परेशान कर रहे हैं। उनहोंने कहा कि खाली पिंजरे लगाकर तेंदुए पकड़ने की वन विभाग की मुहिम देखकर लोगों की चिंता और भी बढ़ गई है। वहीं, लोगों का कहना है कि कनलोग में हुई घटना के बाद कई बार प्रशासन से शहर में जंगल से सटे रिहायशी इलाकों में फेंसिंग करने की बार मांग उठा चुके हैं, लेकिन अभी तक इस विषय पर कोई काम नहीं हुआ है। फागली पार्षद जगजीत बग्गा का कहना है कि जंगल से सटे रिहायशी इलाकों में फेंसिंग होनी चाहिए।
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