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अपहरण व दुराचार के जुर्म के लिए सुनाई गई सजा को बरकरार रखने का फैसला
Last Updated on November 5, 2022 by sintu kumar
शिमला। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने अपहरण व दुराचार (kidnapping and abuse) के जुर्म के लिए सुनाई गई सजा को बरकरार रखते हुए निचली अदालत के फैसले पर अपनी मोहर लगा दी। उत्तराखंड निवासी जितेंद्र सिंह उर्फ जीतू (Jitendra Singh alias Jeetu) को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सोलन ने सात वर्ष की कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी। जुर्माने राशि (fine amount) की अदायगी न करने की सूरत में दोषी को एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास काटने के भी आदेश दिए गए थे। मामले के अनुसार 7 मई 2016 को दोषी नाबालिग को बहला. फुसला कर देहरादून ले गया। शादी का झांसा दिया व नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। नाबालिग के पिता की शिकायत पर पुलिस ने दोषी को हिरासत में लिया गया। भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366 और पोक्सो अधिनियम की धारा 4 के तहत दोषी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। जांच कार्य पूरा होने के बाद अभियोजन पक्ष ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सोलन (Additional Sessions Judge Solan) की अदालत में चालान पेश किया। अदालत ने आरोपी को दुष्कर्म और अपहरण के जुर्म का दोषी ठहराया और उपरोक्त सजा सुनाई। इस निर्णय को दोषी ने हाईकोर्ट के समक्ष अपील के माध्यम से चुनौती दे डाली। हाईकोर्ट (High Court) ने मामले से जुड़े तमाम रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि अभियोजन पक्ष पूरे तरीके से दोषी के खिलाफ अभियोग साबित करने में सफल रहा है। अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सोलन ने गवाहों के बयान को सही तरीके से परखा है।
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अवैध खनन से जुड़े एक मामले में सचिव उद्योग को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में मांगा जवाब
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (Himachal Pradesh High Court) ने अवैध खनन से जुड़े एक मामले में सचिव उद्योग को नोटिस (Notice) जारी कर चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। इसके अलावा कोर्ट ने निदेशक उद्योगए प्रदेश भूवैज्ञानिक, उपायुक्त हमीरपुर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कैलाश स्टोन क्रशर (State Geologist, Deputy Commissioner Hamirpur Pollution Control Board and Kailash Stone Crusher) से भी जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश अजमद ए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ (Chief Justice Ajmad A. Syed and Justice Jyotsna Rewal Dua) की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 7 दिसंबर को निर्धारित की है। हमीरपुर जिला की ग्राम पंचायत पहलू की ओर से दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात कोर्ट ने ये आदेश पारित किए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि प्रतिवादी कैलाश स्टोन क्रशर को राज्य सरकार ने खनन के लिए कुछ क्षेत्र लीज पर दिया है। 21 फरवरी 2022 को उसकी लीज का नवीनीकरण किया गया। क्रशर की ओर से खनन की आड़ में कृषि योग्य भूमि को नष्ट किया जा रहा है। खनन के लिए चिन्हित स्थान के बजाए कृषि योग्य भूमि के निकट खनन किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि प्रतिवादी कैलाश स्टोन क्रशर की लीज का नवीनीकरण रद्द किया जाए।