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School की तर्ज पर पूरी तरह बंद हों आंगनबाड़ी केंद्र, कर्मियों को मिलें छुट्टियां
शिमला। हिमाचल (Himachal) में 11 से 25 नवंबर तक स्कूलों (Schools) को बंद करने की तर्ज पर आंगनबाड़ी केंद्रों को भी पूरी तरह बंद करने की मांग उठने लगी है। आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स यूनियन संबंधित सीटू ने सरकार से आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi Centers) को भी पूरी तरह बंद करने की मांग की है। यूनियन ने स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों के संदर्भ में सरकार के दोहरे रवैये की कड़ी निंदा की है। आंगनबाड़ी यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष नीलम जसवाल, उपाध्यक्ष सुमित्रा देवी, लज़्या ठाकुर, महासचिव राजकुमारी व सचिव वीना देवी ने सरकारी स्कूलों को बंद करने के आदेश को सही करार दिया है व इसकी तर्ज पर आंगनबाड़ी केंद्रों को भी बंद करने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में नाम मात्र मानदेय पर काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं (Workers) और सहायिकाओं को कोरोना वायरस जैसी आपदा में निरंतर मौत के मुंह में धकेला जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि इस से साफ जाहिर हो गया है कि सरकार की हर योजना को धरातल तक ले जाने वाली आंगनबाड़ी कर्मियों की सरकार की नजर में कोई भी कद्र नहीं है। सरकार द्वारा एक तरफ जहां स्कूलों को 11 से 25 नवंबर तक पूरी तरह बंद करने का फैसला लिया गया है, वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने मांग की है कि कोविड-19 (Covid-19) के खतरे को देखते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी सुरक्षा की दृष्टि से छुट्टियां दी जानी चाहिए। महामारी की पहली लहर के दौरान इन कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने फील्ड में रहते हुए सरकार के हर आदेश का अक्षरश: पालन किया था व अपने आप को सच्चा कोविड योद्धा साबित किया था। अब दूसरी लहर में भी सरकार द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में सेवाएं दे रही कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को पहले की तरह कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अकेले छोड़ दिया गया है। उन्होंने मांग की है कि सरकार समय रहते आंगनबाड़ी केंद्रों को भी बंद करने का आदेश जारी करे, ताकि केंद्र में कार्यरत कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को सुरक्षित किया जा सके।
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