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मंडी शिवरात्रि : जिनकी नहीं मिलती कुंडली, देव बाला कामेश्वर बन्यूरी करवाते हैं उन जोड़ों की शादी
Last Updated on March 11, 2021 by Sintu Kumar
मंडी। अगर आपकी शादी नहीं हो रही या शादी में कुंडली बाधा बन रही है तो हिमाचल के मंडी (Mandi) जिला के देव बाला कामेश्वर (बन्यूरी) की शरण में जाएं। देवता बिना कुंडली मिलान के ही अपने दरबार में शादी करवा देते हैं। देव बाला कामेश्वर (Dev Bala Kameshwar) (बन्यूरी) का शिवरात्रि महोत्सव (Shivratri Festival) में भी विशेष स्थान है। अब तक ऐसे सैकड़ों लोग देवता की शरण में जाकर शादी कर चुके हैं और सुखी वैवाहिक जीवन जी रहे हैं। यही नहीं यह देवता कई तरह की शारीरिक बीमारियों को भी चुटकियों में खत्म कर देते हैं। देवता के पास 18 प्रकार की शारीरिक बीमारियों (Physical ailments) को खत्म करने की शक्ति है। इसमें चरम रोग व पेट की तमाम बीमारियां शामिल हैं। इसके चलते इस देव को 18 व्याधियों का भंडारी भी कहा जाता है। वहीं अगर बात करें शिवरात्रि की तो इस दिन भी देव बाला कामेश्वर बनूयरी में सैंकड़ों जोड़ों को वैवाहिक बंधन में बांधा जाता है।
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सीएम जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) भी अपने करीबियों को देव बाला कामेश्वर (बन्यूरी) का नाम सुझाते रहे हैं। इसके अलावा मौजूदा केंद्रीय मंत्री और हिमाचल के संगठन मंत्री रह चुके महेंद्र पांडे की दत्तक पुत्री का विवाह भी देव बाला कामेश्वयर बन्यूरी में ही करवाया गया था। मान्यतानुसार बताया जाता है कि एक बार मंडी जनपद में भयंकर बीमारी फैल गई। जब बीमारी ने भयंकर रूप धारण कर लिया तो राजा ने इस बीमारी को दूर करने के लिए जनपद के सभी देवताओं की परीक्षा लेनी चाही। उन्होंने सभी देवताओं को मंडी बुलाया और कहा कि जो इस बीमारी को दूर करेगाए उसे जागीर दी जाएगी। देव बाला कामेश्वर ने इस बीमारी को चुटकियों में खत्म कर दिया। इसके बाद राजा ने उन्हें शिवरात्रि महोत्सव में निमंत्रण दिया और उचित सम्मान भी दिया। तब से लेकर देव बाला कामेश्वर शिवरात्रि मेले में आ रहे हैं।
क्या कहते हैं देव बाला कामेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी
देव बाला कामेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी दया कृष्ण ने बताया कि देव बालाकामेश्वर (बन्यूरी) 12 कामेश्वर में सबसे बड़े देवता हैं। इन्हें कई नामों से जाना जाता है। देवता सूखा पड़ने पर बारिश भी करवाते हैं। बारिश के लिए लोग देवता की शरण में पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि देव बाला कामेश्वर के मंदिर में आकर अपनी कुंडलियों का मिलान कर शादी करते हैं। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि पर मंदिर में काफी अधिक शादियां होती हैं।