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चैत्र नवरात्रः मां दुर्गा की कृपा चाहिए तो भूलकर भी ना करें ये काम
नवरात्र में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से माता की कृपा प्राप्त होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुछ ऐसे काम हैं, अगर उन्हें नवरात्र के दौरान किया जाए तो दरिद्रता के साथ-साथ व्यक्ति को कई प्रकार की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। कुछ दिनों के बाद नवरात्र शुरु होने वाले हैं लिहाजा आज हम आपको ऐसे ही कुछ काम बताने जा रहे हैं, जिन्हें नवरात्र के दौरान करने से बचना चाहिए।
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नवरात्र के दिनों में प्याज और लहसुन खाना वर्जित माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार प्याज और लहसुन को तामसिक भोजन के रूप में जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि तामसिक भोजन हमारे मन और शरीर को दूषित करते हैं साथ ही मानसिक थकान का कारण भी बनते हैं। इसलिए नवरात्र के 9 दिनों में तामसिक खाद्य पदार्थों का सेवन वर्जित माना गया है।
वैसे तो शराब का सेवन सदैव ही हानिकारक होता है और चैत्र नवरात्र तो मां दुर्गा की आराधना के लिए सबसे पवित्र दिन माने जाते हैं। इसीलिए नवरात्र के दौरान शराब का सेवन नहीं करना चाहिए इससे देवी मां क्रोधित हो जाती हैं।
नवरात्र के दिनों में हमें चमड़े से बनी चीजों जैसे बेल्ट, जूते, ब्रेसलेट, जैकेट आदि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। चमड़ा जानवर की खालों से बना होता है। इसीलिए इसे अशुभ माना जाता है। नवरात्र के दौरान चमड़े से बनी चीजों को पहनने से आपका अशुभ हो सकता है।
अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ लोग नवरात्रों के शुरू होने से पहले ही अपने नाखून एवं बाल कटवा लेते हैं, ताकि नवरात्र के 9 दिनों में नाखून और बाल कटवाने की जरूरत ना पड़े। ऐसा माना जाता है कि नवरात्र के 9 दिनों में बाल व नाखून काटने से मां दुर्गा क्रोधित होती हैं। इसलिए नवरात्रि के दौरान बाल व नाखून काटने से बचना चाहिए।
नवरात्र को हिंदू धर्म में पवित्र पर्व के रूप में मनाया जाता है. इसलिए नवरात्र के दिनों में किसी भी व्यक्ति को अशुभ या अपशब्द बोलने से बचना चाहिए। नवरात्र माता दुर्गा की देवी और भक्ति करने का समय होता है और अगर ऐसे समय में आप गलत शब्दों का प्रयोग करते हैं तो मां दुर्गा क्रोधित हो सकती हैं।
नवरात्र के दौरान मूक और बेबस पशु-पक्षियों को परेशान नहीं करना चाहिए। इनके लिए दाना-पानी की व्यवस्था अवश्य करें। देवी मां की पूजा शांति, श्रद्धा एवं प्रेम के साथ की जानी चाहिए. नवरात्र के दिनों में घर में कलह, द्वेष और किसी का अपमान किए जाने पर घर में अशांति रहती है और बरकत भी नहीं होती। स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा जाता है।