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शिक्षा विभाग ने तलब किया Mid Day Meal आवंटन का रिकॉर्ड, कितने बच्चों को मिला लाभ; मांगा ब्यौरा
शिमला। मिड-डे मील (Mid Day Meal) के तहत छात्रों को राशन बांटने को लेकर शिक्षा विभाग (Education Department) ने रिकॉर्ड तलब कर लिया है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों को एक प्रोफ़ार्मा जारी किया है। एक सप्ताह के भीतर इसका ब्यौरा शिक्षा निदेशालय को देना होगा। निदेशालय से मिले पत्र के बाद जिला उपनिदेशकों ने इसे आगे ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को जारी कर दिया है।
इन सारे सवालों का देना होगा जवाब
इसमें पूछा गया है कि अप्रैल, मई और जून महीने में कितना राशन जिला में बांटा गया। कितने छात्रों को यह राशन मिला। छात्रों को कुकिंग कॉस्ट का कितना पैसा दिया गया है। कितने छात्र ऐसे हैं, जिन्हें अभी तक मिड-डे मील के तहत राशन नहीं मिला है। इसमें हुई देरी की क्या वजह है। इस रिकॉर्ड को आने के बाद विभाग आगामी कार्रवाई करेगा। यदि किसी स्थान पर अनियमिता पाई जाती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। विभाग के पास ऐसी शिकायतें आई थी कि कई स्थानों खासकर जिला के दूरदराज क्षेत्रों में बच्चों को मिड-डे मील का राशन अभी तक नहीं मिल पाया है। इसके बाद विभाग ने सभी जिलों से इसका रिकॉर्ड मांगा है।
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विद्यार्थियों को घर घर जाकर मिड-डे मील पहुंचाने के निर्देश जारी किए
कक्षा-1 से 8 तक के छात्रों को मिड-डे मील दिया जाता है। कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को 100 ग्राम चावल और कक्षा 6 से कक्षा 8 तक के छात्रों को 150 ग्राम चावल प्रतिदिन दिया जाता है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने कोरोना के खतरे के बीच विद्यार्थियों को घर घर जाकर मिड-डे मील पहुंचाने के निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा विभाग ने इसके लिए जिला स्तर पर शिक्षकों की ड्यूटियां लगाई हैं। कुकिंग कॉस्ट का पैसा भी बच्चों को दिया जा रहा है। इसके तहत प्राथमिक स्कूलों को 4.97 रुपए और उच्च्तर स्कूलों में 7.45 रुपए प्रति छात्र प्रति दिन के हिसाब से मिलते हैं।